देश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य मिशन मून: इसरो के लिए अच्छी खबर, 2 साल तक चक्कर लगा सकेगा चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर 28th July 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this बेंगलुरु, ‘चंदा मामा’ की सतह पर कदम रखने के लिए बेताब भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्थान (इसरो) के लिए अच्छी खबर है। चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के लिए 22 जुलाई को रवाना हुए चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के जीवन काल को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले इसरो ने अनुमान लगाया था कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा। अब इसके दो साल तक काम करने का अनुमान लगाया जा रहा है। करीब 978 करोड़ रुपये के मिशन चंद्रयान-2 से जुड़े कम से कम 5 अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि ऑर्बिटर के जीवनकाल को एक साल और बढ़ाया जा सकता है। इससे पहले इसरो के चेयरमैन के सिवन ने 12 जून को बताया था कि ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल है। ऑर्बिटर में लॉन्च के समय में 1697 किलोग्राम ईंधन मिशन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, चंद्रयान-1 को ज्यादा समय तक काम करने के लिए बनाया गया था लेकिन पॉवर कन्वर्टर में समस्या आ जाने की वजह से उसका जीवनकाल कम हो गया। इसे चंद्रयान-2 में सही कर दिया गया है। चंद्रयान-2 के पास एक साल से ज्यादा समय तक काम करने के लिए ईंधन है। कब-कब चांद पर कौन कहां उतराबता दें कि ऑर्बिटर में लॉन्च के समय में 1697 किलोग्राम ईंधन था और 24 तथा 26 जुलाई को दो बार अपनी स्थिति में बदलाव के लिए 130 किलोग्राम अतिरिक्त ईंधन भरा गया था। शनिवार को ऑर्बिटर में 1500 किलोग्राम से ज्यादा ईंधन बचा हुआ था। इस मिशन से जुड़े एक वैज्ञानिक ने कहा कि ज्यादा अच्छे तरीके से लॉन्चिंग होने की वजह से 40 किलो ईंधन बच गया है। ऑर्बिटर के पास 290.2 किलोग्राम ईंधन होना जरूरी एक अन्य वैज्ञानिक ने कहा, शुरुआती प्लान में अतिरिक्त ईंधन आपातकालीन स्थितियों के लिए दिया गया था। वर्तमान अनुमान के मुताबिक हमारे पास आर्बिट में एक साल से ज्यादा समय तक काम करने के लिए ईंधन है। इससे पहले सिवन ने कहा था कि अब नौ बार और स्थान परिवर्तन किया जाएगा जिसमें ऑर्बिटर के ईंधन को इस्तेमाल किया जाएगा।कक्षा में सारे बदलाव के बाद अंत में ऑर्बिटर के पास 290.2 किलोग्राम ईंधन होना चाहिए ताकि चंद्रमा के चक्कर लगा सके। एक वैज्ञानिक ने कहा, अभी इतना ईंधन है कि चंद्रमा की कक्षा में दो साल तक चक्कर लगाया जा सकता है। Post Views: 204