चुनावी हलचलमहाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य विपक्षी दलों से भाजपा में आने वाले नेता साधु और सन्यासी नहीं: एकनाथ खडसे 2nd September 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने विपक्षी दलों से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं पर कटाक्ष किया है। रविवार को खडसे ने कहा कि विपक्ष दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले नेता साधु और सन्यासी नहीं हैं। विपक्षी दलों के नेता इस उम्मीद के साथ आ रहे हैं कि उन्हें कुछ न कुछ मिलेगा। ये लोग पार्टी के विचारधारा और सिद्धांत को स्वीकार करके नहीं आ रहे हैं। खडसे ने कहा कि अभी नहीं पहले से ही सत्ताधारी दल में शामिल होने वालों की संख्या ज्यादा रहती है। कई लोग अपने स्वार्थ के लिए सत्ताधारी दल में प्रवेश करते हैं। सरकार आती है चली जाती है। ऐसे लोग सरकार के आगे-पीछे दौड़ते रहते हैं। दागी नेताओं के भाजपा में प्रवेश के सवाल पर खडसे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कह चुके हैं कि हमारे पास वॉशिंग पावडर है। इसलिए जिन नेताओं पर आरोप लगे हैं उनको पार्टी में शामिल करने के बाद धो-पोंछकर स्वच्छ किया जाता है। इसके बाद उन्हें क्लिन चिट दी जाती है। फिर वे नेता पार्टी के काम में लग जाते हैं। खडसे ने कहा कि अभी नहीं पहले से ही सत्ताधारी दल में शामिल होने वालों की संख्या ज्यादा रहती है। कई लोग अपने स्वार्थ के लिए सत्ताधारी दल में प्रवेश करते हैं। सरकार आती है चली जाती है। ऐसे लोग सरकार के आगे-पीछे दौड़ते रहते हैं। ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष’ के प्रमुख नारायण राणे के भाजपा में प्रवेश को लेकर शिवसेना के विरोध पर खडसे ने कहा कि मैं कई सालों से सुन रहा हूं कि वे पार्टी में आने वाले हैं। खडसे ने कहा कि राणे को पार्टी में शामिल करने का फैसला भाजपा को करना है। भाजपा को शिवसेना के दबाव के आगे झुकने की जरूरत नहीं है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को शिवसेना में शामिल करना है या नहीं यह शिवसेना का अधिकार है इसी तरह राणे के बारे में फैसला करने का अधिकार भाजपा का है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार को लगातार लग रहे झटके पर खडसे ने कहा कि पवार ने जब कांग्रेस छोड़ी थी तो उस समय कांग्रेस जो अनुभव कर रही थी वही अनुभव आज पवार कर रहे हैं। खडसे ने कहा कि भाजपा के विस्तार के लिए अच्छे लोगों को पार्टी में शामिल करना चाहिए, लेकिन अच्छे लोगों की व्याख्या तय करने में अलग-अलग विचार हो सकते हैं। Post Views: 193