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Akshay Shinde Encounter: संजय राउत ने पूछा- क्या शिंदे और फडणवीस किसी को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं?

ठाणे: महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की सोमवार शाम को पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई। घटना मुंब्रा बाईपास पर हुई जब अक्षय ने पुलिस से रिवॉल्वर छीनकर फायरिंग कर दी, जिससे एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया। इसके बाद पुलिस द्वारा की गई आत्मरक्षा की फायरिंग में अक्षय शिंदे के सिर में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। यह घटना राज्य में काफी चर्चा का विषय बन गई है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस किसी को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं? महाराष्ट्र को सच जानना चाहिए। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए एनकांउटर पर सवाल उठाया और कहा कि इसने पुलिस पर हमला किया? जब अक्षय शिंदे को पुलिस ले जा रही थी तो उसके हाथ बंधे हुए थे और चेहरा ढका हुआ था, तो वास्तव में क्या हुआ?
संजय राउत ने आगे लिखा- क्या एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस किसी को बचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं? महाराष्ट्र को सच जानना चाहिए।

आदित्य ठाकरे ने मुठभेड़ की निंदा की
शिवसेना (यूबीटी) युवा नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने इस मुठभेड़ की निंदा की है। उन्होंने एक्स पर लिखा- अक्षय शिंदे ने जो भीषण और अमानवीय कृत्य किया, उसके लिए उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी। उन्होंने इस मुठभेड़ को ‘घटिया और संदेहास्पद’ बताया और सवाल उठाया कि कहीं यह घटना किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए तो नहीं हुई? आदित्य ठाकरे ने कहा कि इस घटना का राजनीतिक लाभ उठाने वाले लोग सामने आ सकते हैं और कुछ लोग इस मामले का उपयोग अपनी छवि को सुधारने के लिए कर सकते हैं। ठाकरे ने यह भी सवाल उठाया कि इस मामले में उस स्कूल के संचालक का अभी तक पता क्यों नहीं चल पाया, जहां से यह घटना शुरू हुई थी? उन्होंने आरोप लगाया कि कोई इस मामले में दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहा है। आदित्य ठाकरे ने इस मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि अगर इस घटना और स्कूल संचालक की गिरफ्तारी में देरी के बीच कोई संबंध है, तो उसे उजागर करना जरूरी है।
इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर इस मुठभेड़ की सत्यता और पारदर्शिता को लेकर। आदित्य ठाकरे का बयान इस ओर इशारा करता है कि इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि न्याय सही ढंग से हो और किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप न हो। पुलिस और राज्य सरकार को इस मामले में निष्पक्षता बनाए रखनी होगी ताकि जनता का कानून व्यवस्था पर विश्वास बना रहे।

पुलिस ने पूरे मामले पर क्या कहा?
इससे पहले सोमवार को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्कूल में सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाले अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी की ओर से दर्ज कराए गए एक अन्य मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को जब तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था, तभी उसने पुलिसकर्मियों में से एक की रिवॉल्वर छीन ली और गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की। घटना के बाद उसे कालवा स्थित एक अस्पताल ले जाया गया, जहां चोटों के चलते उसने दम तोड़ दिया। अधिकारी ने बताया कि आरोपी की गोलीबारी में एक सहायक पुलिस निरीक्षक (ASI) घायल हो गया, उसके पैर में गोली लगी है। जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। ठाणे पुलिस ने एक बयान में कहा- पुलिस टीम ने शाम 5:30 बजे उसे अपनी हिरासत में लिया। वापसी में पुलिस की गाड़ी शाम 6 से 6:15 बजे के बीच मुंब्रा बाईपास पर थी, तभी अक्षय शिंदे (24) ने एपीआई नीलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और पुलिस दल पर तीन गोलियां चला दीं। एक गोली मोरे के पैर में लगी, दो अन्य गोलियां इधर-उधर चली गईं। तभी आत्मरक्षा में पुलिस दल के एक अन्य अधिकारी ने आरोपी पर एक गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया। एपीआई मोरे और शिंदे को कलवा सिविक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मोरे को जुपिटर अस्पताल रेफर कर दिया।
विपक्षी दलों की ओर से घटना पर आश्चर्य जताये जाने और इसकी व्यापक-न्यायिक जांच की मांग के बीच, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस ने आरोपी को आत्मरक्षा में गोली मारी।

अक्षय की मां ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप!
दो बच्चियों से यौन शोषण के मामले में आरोपी अक्षय शिंदे की मां ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल पहुंचने पर पुलिसवालों ने उन्हें अक्षय का शव भी देखने नहीं दिया। उसकी हत्या को लेकर पुलिस भी किसी तरह की जानकारी साझा नहीं कर रही है। अक्षय शिंदे के चेहरे पर ही क्यों लगी गोली?

कौन हैं अक्षय शिंदे पर गोली चलाने वाला पुलिस अधिकारी? DG के पास भेजा गया था बर्खास्तगी का प्रस्ताव
अक्षय शिंदे पर गोली चलाने वाले पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस घटना के बाद पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे को लेकर जो जानकारी सामने आई है, वह यह है कि इंस्पेक्टर संजय शिंदे का विवादों से पुराना नाता है। एक अन्य मामले में उसकी महाराष्ट्र के डीजी के पास नौकरी से बर्खास्तगी का प्रस्ताव पहले से लंबित है।
दरअसल, पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे इससे पहले मुंबई पुलिस विभाग में काम कर चुके हैं और उनका करियर कई विवादों से घिरा रहा है। संजय पर चर्चित अरुण टिकु हत्याकांड के आरोपी विजय पलांडे को पुलिस की हिरासत से भागने में मदद करने का भी आरोप लगा था। अरुण टिकु हत्याकांड मामले में संजय शिंदे को निलंबित भी किया गया था। पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने इस प्रस्ताव को रद्द कर संजय शिंदे को फिर से पुलिस विभाग में शामिल कर था। संजय शिंदे का करियर विवादित होने के कारण अक्षय शिंदे की मौत के मामले में भी कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने ही अक्षय शिंदे पर गोली चलाई थी।