ब्रेकिंग न्यूज़मुंबई शहर Bombay High Court ने BMC से पूछा- किस आधार पर मास्क न पहनने वालों पर लगाया जुर्माना? 20th September 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को बीएमसी को यह बताने का निर्देश दिया कि उसने कोरोना महामारी के दौरान मास्क पहनने के उसके निर्देश का उल्लंघन करने वालों से किस आधार पर जुर्माना वसूला. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिकारियों द्वारा मास्क नियम का उल्लंघन करने वाले लोगों से वसूले गए जुर्माने की वापसी की मांग की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कोविड-19 टीके खरीदने और लोगों को टीका लगवाने के लिए मजबूर करने के लिए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के लिए भी जांच की मांग की. हाईकोर्ट जानना चाहता है ये बात… हाईकोर्ट ने बीएमसी से जानना चाहा कि किस कानून के तहत मास्क के प्रावधान अनिवार्य किए गए और जुर्माना लगाया गया. पीठ ने नागरिक निकाय के वकील अनिल सखारे को महामारी रोग अधिनियम की धारा 2 पर याचिका में अगली सुनवाई पर अदालत को संबोधित करने का भी निर्देश दिया, जिसके तहत सरकार को विशेष उपाय करने और विनियमों को निर्धारित करने की शक्ति है जब एक खतरनाक महामारी रोग का खतरा होता है. अदालत ने की ये टिप्पणी… मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, अगर बीएमसी द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई थी कि महामारी को रोकने के लिए लोगों को मास्क पहनना होगा और मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाया जाएगा, तो यह लोगों की बेहतरी के लिए था और अदालत हस्तक्षेप नहीं करेगी. पीठ ने सखारे को बताया कि इसी तर्ज पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आया था और उसे सुनवाई की अगली तारीख पर इसे जमा करने को कहा. पीठ ने मामले को दो सप्ताह के बाद आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया. महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एस यू कामदार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नोट किया था कि केंद्र द्वारा किए गए टीकाकरण अभियान में गलती नहीं की जा सकती है और यह चल रही महामारी को देखते हुए सही और उचित था. कामदार ने कहा कि इसलिए, धन की हेराफेरी के लिए (उद्धव ठाकरे) पर मुकदमा चलाने का कोई सवाल ही नहीं है. याचिकाकर्ता ने कही थी ये बात… अधिवक्ता नीलेश ओझा के माध्यम से फिरोज मिथिबोरवाला द्वारा दायर याचिकाओं में से एक में दावा किया गया है कि सरकार और बीएमसी का नागरिकों द्वारा अपने घरों से बाहर और सार्वजनिक स्थानों पर मुंह और नाक को ढंकने के लिए जोर देना ‘अवैज्ञानिक’ था. याचिकाकर्ता ने अदालत से राज्य और महानगतपालिका के अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना के रूप में जनता से अब तक एकत्र किए गए धन को वापस करने का निर्देश देने का आग्रह किया. Post Views: 285