ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर मुंबई में हिंदी-मराठी विवाद के बीच मुफ्त ‘मराठी पाठशाला’ की पहल! 13th July 2025 networkmahanagar 🔊 Listen to this हमने आपसी सौहार्द बढ़ाने के लिए मराठी कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया: Dr.Dayanand Tiwari नेटवर्क महानगर/मुंबई हिंदी विश्व में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी बोलने वालों की संख्या दुनिया के 155 देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है। महाराष्ट्र में शुरू हुआ हिंदी-मराठी विवाद अब एक बड़े राजनीतिक संघर्ष में बदल चुका है। इसी विवाद के बीच मुंबई भाजपा के प्रवक्ता प्रो. डॉ. दयानंद तिवारी के मार्गदर्शन में सायन स्थित ‘तिवारीस सरस्वती क्लासेस’ में रविवार को ‘मराठी’ भाषा सिखाने के लिए ‘मराठी पाठशाला’ का शुभारंभ किया गया। इस जनहितकारी पहल का संचालन वरिष्ठ शिक्षक नितिन पवार द्वारा किया गया, जिन्होंने मराठी की नियमित साप्ताहिक कक्षाएं आरंभ कीं। इस अवसर पर प्रो. डॉ. दयानंद तिवारी ने कहा कि ‘हिंदी’ भारत की ‘राष्ट्रभाषा’ है। इस पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। वहीं, मराठी हमारी सांस्कृतिक आत्मा है, जिसकी उपेक्षा भी नहीं होनी चाहिए। यदि कोई भाषा पूछकर हमला करता है, तो यह वैसा ही है जैसे कश्मीर के पहलगाम में पूछताछ के नाम पर गोली चलाना। जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें भाषाओं को हथियार नहीं, संवाद का माध्यम बनाना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि हमने आपसी सौहार्द बढ़ाने के लिए गैर मराठी नागरिकों के लिए मुफ्त मराठी कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया। अगले सप्ताह से मराठी कक्षाओं का विस्तार अन्य समय-स्लॉट में किया जाएगा और जल्द ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मराठी कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी, क्योंकि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड में रहने वाले हिंदी भाषियों की ओर से उन्हें यह अनुरोध प्राप्त हुए हैं। मराठी सीखने वाले निशुल्क ले सकेंगे भाग उन्होंने बताया कि ये कक्षाएं हर रविवार को सायन और सांताक्रूज में आयोजित की जाएंगी। इच्छुक व्यक्ति निशुल्क पंजीकरण कर कक्षाओं में भाग ले सकेंगे। इनमें मराठी के स्वर, व्यंजन, उच्चारण, सामान्य शब्दावली और दैनिक प्रयोग में आने वाले वाक्यांशों को सिखाया जाएगा। विशेष रूप से ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड, सब्जी विक्रेता और छोटे व्यवसायियों को ध्यान में रखकर इसकी शुरुआत की गई है। मराठी भाषा का अच्छा ज्ञान प्राप्त करने वालों को संत ज्ञानेश्वर कृत ज्ञानेश्वरी का हिंदी अनुवाद बतौर उपहार दिया जाएगा। हिंदी साहित्य भारती महाराष्ट्र के अध्यक्ष श्री तिवारी ने बताया कि इस प्रथम सत्र में 50 से अधिक लोगों ने भाग लिया। साथ ही कई प्रमुख मीडिया चैनलों एवं समाचार पत्रों के पत्रकार भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मराठी सीखने आए प्रतिभागियों को शिक्षण सामग्री, अभ्यासपत्रक, और प्राथमिक साहित्य वितरित किया गया, जिससे वे भाषा सीखने की दिशा में आत्मनिर्भर बन सकें। कहां आना है? ‘तिवारीस सरस्वती क्लासेस’ Tiwari’s Saraswati Classes एस.आई.ई.एस कॉलेज के सामने, गुरुकृपा होटल के पास सायन (पूर्व), मुंबई-400 022 Post Views: 20