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Mumbai: फर्जी IPS अधिकारी ने नौकरी दिलाने के नाम पर की 30 लाख की ठगी, ये दस्तावेज दिखाकर झाड़ता था रौब!

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से धोखाधड़ी की एक बड़ी खबर सामने आई है. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें से एक आरोपी ने खुद को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का वरिष्ठ अधिकारी बताकर लोगों पर रौब झाड़ता है. दोनों आरोपियों ने बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है. साथ ही पुलिस ने दोनों के पास से नकली दस्तावेज भी बरामद किए हैं.

पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान मुंबई के चेंबूर निवासी गणेश चव्हाण और नवी मुंबई निवासी मनोज पवार के रूप में की गई है. दोनों आरोपी सीनियर ब्यूरोक्रेट से अच्छे संबंध होने का झूठ बोलकर भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं. आरोपियों ने एक व्यक्ति को नेशनल बैंक में सीनियर पद पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया. उनके झांसे में वह व्यक्ति फंस गया और उसने नौकरी के नाम पर आरोपियों को 30 लाख रुपये दे दिए. नौकरी न मिलने पर जब पीड़ित ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने उसे फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी.

मुंबई और दिल्ली ब्यूरोक्रेट्स में अच्छे संबंध का करता था दावा
पुलिस उपायुक्त (अपराध) राजतिलक रोशन ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पीड़ित विनय जाधव (28) ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था. विनय जाधव अपने दोस्त के माध्यम से दोनों आरोपियों से मिला था. इसके बाद आरोपी मनोज पवार ने दूसरे आरोपी गणेश चव्हाण के बारे में बताया. उसने कहा कि गणेश चव्हाण एक आईपीएस ऑफिसर है और उसके मुंबई और दिल्ली ब्यूरोक्रेट्स में अच्छे संबंध हैं.

आरोपियों के पास मिले कई फर्जी दस्तावेज
आरोपियों ने पीड़ित विनय जाधव को विश्वास में लेने के लिए उसे कोलाबा स्थित पुलिस प्रमुख के एक कार्यालय में बुलाया. दोनों आरोपी विनय को सफेद कार में ले गए और उस गाड़ी में आईएएस अधिकारी की तख्ती भी लगी थी. यहीं पर आरोपियों और पीड़ित के बीच नौकरी को लेकर एक डील हुई. आरोपियों ने विनय जाधव से एक करोड़ रुपये की डिमांड की, जो कि सौदेबाजी के बाद घटाकर 90 लाख रुपये कर दिया गया. इसके बाद विनय जाधव ने पहले 30 लाख रुपये दिए और नियुक्ति पत्र के बाद बाकी रकम देने पर सहमति बनी. विनय जाधव की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही दोनों के पास से केंद्र सरकार के कार्यालयों के नकली दस्तावेज और केंद्रीय वित्त मंत्री के जाली हस्ताक्षर पाए गए हैं.