दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य RBI ने किया आर्थिक पैकेज का ऐलान, बाज़ार में 50 हजार करोड़ का होगा निवेश 17th April 202017th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: कोरोना के कारण भारतीय अर्थव्यस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है।भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार सुबह इसकी घोषणा की।उन्होंने कहा कि बाज़ार में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।कोरोनाग्रस्त इकॉनमी को संकट से उबारने के लिए RBI ने आज फिर कई बड़े ऐलान किए। केंद्रीय बैंक ने मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया। बैंकों को राहत देने के लिए रिवर्स रीपो रेट को 4 पर्सेंट से घटाकर 3.75 पर्सेंट कर दिया गया और रीपो रेट को बरकरार रखा गया है। टार्गेटेड लांग टर्म रीपो ऑपरेशन(TLTRO 2) के तहत RBI ने MFIs और NBFCs को 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया। आरबीई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का मिशन है कि कोरोना के कारण गिरती इकॉनमी के घटने की रफ्तार तेज होने से रोका जा सके। गवर्नर आरबीआई कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है। दास ने कहा, मार्च 27 जब वह पहला बूस्टर लेकर आए थे, तब से मैक्रोइकॉनमिक कंडिशन बिगड़ती जा रही है। ग्लोबल इकॉनमी सबसे बुरी मंदी देख सकती है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल जीडीपी में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है जो जापान और जर्मनी की जीडीपी के बराबर हो सकता है। भारत जी20 इकॉनमीज में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाला देश हो सकता है जैसा कि IMF ने कहा है। गवर्नर ने कहा, हम पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। भारत के हालात दूसरों से बेहतर हैं। वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और यह 1.9 प्रतिशत रहेगी। नाबार्ड, सिडबी और नैशनल हाउसिंग बैंकों के लिए बड़ा ऐलानकोविड-19 के कारण इन इंस्टीट्यूशन्स को सेक्टोरल क्रेडिट की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रीफाइनैंसिंग के लिए इनके लिए 50 हजार करोड़ रुपये की मद दी जा रही है। इसमें 25 हजार करोड़ नाबार्ड के लिए, सिडबी के लिए 15 हजार करोड़ और 10 हजार करोड़ एनएचबी के लिए होगा। इस अमाउंट के बारे में फऐसला इनसे चर्चा के बाद लिया गया है। इसमें बाद में बदलाव किया जा सकता है। पॉलिसी रेट्स पर ऐलानरिवर्स रीपो रेट को 4 पर्सेंट से घटाकर 3.75 पर्सेंट कर दिया गया है और रीपो रेट को बरकरार रखा गया है। बैंक ज्यादा लोन दे सकें, इसलिए रिवर्स रीपो रेट में कटौती की गई है। कुछ और बड़ी बातें…बैंकों को अपने फंड का 50% TLTRO-2 के तहत स्मॉल और मिड साइज NBFC में इन्वेस्ट करना होगा।राज्यों की WMA लिमिट 60 पर्सेंट बढ़ा दी गई है। बढ़ी हुई लिमिट 30 सितंबर तक के लिए होगी।90 दिनों के NPA पीरियड से मोराटोरियम पीरियड बाहर रहेगा।कर्ज लेने वालों को NBFCs रिलैक्स्ड NPA के तहत रख सकती हैं।बैंक और कोऑपरेटिव बैंक किसी डिविडेंड का भुगतान नहीं करेंगे।अगर किसी ऐसी वजह से रियल्टी प्रॉजेक्ट में देरी होती है जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता तो NBFCs लोन को 1 साल के लिए बढ़ा सकते हैं।स्टिल अकाउंट्स पर बैंकों को 10फीसदी की प्रोविजनिंग मेनटेन करना होगा। गुरुवार को हुआ था मंथनदेश की इकॉनमी और इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच गुरुवार को लंबी मीटिंग हुई। सूत्रों के अनुसार सहमति बनी कि इंडस्ट्री को राहत पैकेज किस्तों में दिया जाए। यह काम सेक्टरवार तरीके से होगा। जिन सेक्टरों को पैकेज दिया जाएगा, उनमें छोटे उद्योग, फार्मा, मैन्युफैक्चरिंग, सिविल एविएशन, सर्विसेज, ऑटो, टूरिजम और होटल्स शामिल हैं। Post Views: 167