दिल्लीनागपुरपालघरब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य RSS प्रमुख भागवत बोले-कोरोना से घर में रहकर जंग जीतना है 26th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this सभी लोग भारत माता के पुत्र हैं हमारे बंधु हैं : भागवत नयी दिल्ली: लॉकडाउन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑनलाइन बौद्धिक वर्ग लगाया। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ का काम लॉकडाउन में भी चल रहा है। रोज के काम बंद है लेकिन दूसरे कामों ने उसकी जगह ली है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी नई है, कहर मचाया है लेकिन उससे डरने की जरूरत नहीं है। ठंडे दिमाग से योजना बनानी होगी कि क्या क्या करना है। भय से दूर होकर सुनियोजित प्रयास करना है।संघ प्रमुख ने कहा कि अगर कोई डर से या क्रोध से कुछ उलटा सीधा कर देता है तो सारे समूह को उसमें लपेटकर उससे दूरी बनाना ठीक नहीं है। उनका इशारा तबलीगी जमात और उसके जलसे की तरफ था। मोहन भागवत ने कहा कि भड़काने वालों की कमी नहीं है और इसका लाभ लेने वाली ताकतें भी हैं। जिस तरह कोरोना का फैलाव अपने देश में हुआ है उसकी एक वजह यह भी है।उन्होंने कहा कि भारत तेरे टुकड़े होंगे ऐसा कहने वाले ऐसा प्रयास करते हैं, राजनीति भी बीच में आती है। इनसे बचना है। सावधान रहना है। हमारे मन में प्रतिक्रिया वश कोई खुन्नस नहीं होनी चाहिए। भारत के सभी लोग भारत माता के पुत्र हैं हमारे बंधु हैं। अपने अपने समाज के प्रमुखों को अपने लोगों को यह समझाना चाहिए। पालघर में सन्यांसियों की हत्या पर दुख हुआ: भागवतसंघ प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में संन्यासियों की हत्या हुई, उपद्रवी लोगों ने किया। उसका दु:ख सबके मन में हैं। धैर्य रखकर सारी बातें करनी चाहिए। 28 को उनको श्रद्धांजलि देने के लिए हम कुछ कार्यक्रम भी करेंगे। वे उपद्रवी नहीं थे, लेकिन भीड़ ने उन्हें मार डाला। सफलता और असफलता के बीच तीन फीट का अंतरएक कहानी सुनाते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सफलता और असफलता के बीच तीन फीट का अंतर है। इसलिए बिना थके प्रयास लगातार करने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने जिन दवाइयों के निर्यात पर पाबंदी लगाई थी उसे भी दुनिया की भलाई के लिए खुद थोड़ा नुकसान उठाकर भी उन्हें दूसरे देशों को भेजी है। यह भारत का स्वभाव है। संघ प्रमुख ने कहा कि हम खुद चिंता करें कि हम काम करने लायक रहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क लगाएं, आयुष मंत्रालय ने जो काढ़ा बताया है वैसा पिएं। भागवत ने कहा कि लोगों को स्वदेशी की तरफ आगे आना चाहिए। अगर स्वदेशी वस्तुओँ से काम चल जाता है तो उसे अपनाएं। विदेशी वस्तुओँ का कम से कम प्रयोग करें। Post Views: 300