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महाराष्ट्र: स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के बिगड़े बोल, बोले- यह कोई ‘नेशनल न्यूज’ नहीं, भाजपा नेता ने कहा- यहां चांडाल सरकार, इन्हें और कितने मृतक चाहिए?

मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार पश्चिम में शुक्रवार को विजय वल्लभ अस्पताल के ICU में लगी भीषण आग में 14 लोगों की मौत हो गई। अस्पताल में आग की घटना को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का असंवेदनशील बयान सामने आया है। टोपे ने इस घटना के लिए कहा कि यह कोई ‘नेशनल न्यूज़’ नहीं है। स्वस्थ्य मंत्री टोपे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की मीटिंग का जिक्र करते हुए मीडियाकर्मियों से ये बात कर रहे थे। पीएम
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, पीएम मोदी के साथ मीटिंग में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर को लेकर बात करेंगे। विरार में आग लगने की घटना, ‘नेशनल न्यूज नहीं है’, लेकिन हम राज्य सरकार की तरफ से पूरी मदद करेंगे।
टोपे ने आगे कहा कि राज्य सरकार की ओर से 5 लाख रुपए और महानगरपालिका की ओर से 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। जैसी नासिक में घटना हुई है उसी टाइप की मदद हम यहां भी करेंगे। फायर ऑडिट और स्ट्रक्चरल ऑडिट हर बिल्डिंग के लिए जरूरी होता है और यह अगर इम्प्लीमेंटेशन नहीं हो रहा है तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसमें डिटेल जांच 10 दिन में की जायेगी। मृतकों के परिजनों के साथ हमारी पूरी संवेदना है।

राज्य में चांडाल सरकार, इन्हें और कितने मृतक चाहिए: प्रवीण दरेकर
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के बयान के बाद विधान परिषद में नेता विपक्ष प्रवीण दरेकर ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में माफिया और चांडाल सरकार है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को और कितने शिकार चाहिए? क्या यह सरकार ‘नेशनल न्यूज’ का इंतजार कर रही है? राज्य के नेतृत्व वाली सरकार और उनके मंत्रियों की भावनाएं मर चुकी हैं। इन मंत्रियों को पद छोड़ देना चाहिए। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर है। दरेकर ने कहा कि स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के बजाय, उन्हें टीवी पर चमकना है।

CM ने पांच लाख का मुआवजे के साथ जांच का दिया आदेश
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अस्पताल में आग लगने से कोविड-19 के 14 मरीजों की मौत पर शोक व्यक्त किया और स्थानीय प्रशासन को हादसे की जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि उद्धव ठाकरे ने आग लगने की घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अधिकारियों से बात की। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के कोविड संक्रमण का इलाज किसी तरह से प्रभावित न हो, और उन्हें दूसरी जगहों पर ठीक तरह से ट्रांसफर किया जा सके। उन्होंने कहा कि विजय वल्लभ अस्पताल एक निजी अस्पताल है और यह जांच की जाएगी कि वहां सुरक्षा उपायों का पालन किया जा रहा था या नहीं। अधिकारियों के मुताबिक, अस्पताल में आग शुक्रवार सुबह 3.15 बजे के आसपास लगी जिसमें 5 महिलाओं और 8 पुरुषों की मौत हो गई। थोड़ी ही देर बाद 1 और मरीज की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 13 से बढ़ कर 14 हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मृतकों के रिश्तेदारों के लिए 2-2 लाख रुपए की मदद और जख्मियों के लिए 50-50 हजार की मदद की घोषणा कर चुके हैं, इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की मदद और जख्मियों के लिए 1-1 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है।

घटना के बारे में प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, आग सेंट्रलाइज्ड एसी में विस्फोट होने की वजह से लगी। इससे निकलने वाली चिंगारी ICU में गिरी और थोड़ी देर बाद पूरे वार्ड में आग फैल गई। मरीजों के परिजनों का आरोप है कि आग लगने के दौरान ICU में न नर्स थी और न ही कोई डॉक्टर। जब तक उन्हें इसकी जानकारी हुई, पूरे वार्ड में धुंआ फैल चुका था। हादसे के वक्त ICU में 15 मरीज वेंटिलेटर पर थे, जिनमें से 14 की मौत हो गई। इस आग में पति की मृत्यु की खबर सुनते ही कोरोनाग्रस्त पत्नी की भी हार्ट अटैक से निधन हो जाने की खबर है।

हार्ट अटैक से हुई पत्नी की मौत!
आग के आगोश में आये एक कुमार दोषी भी थे। कुमार दोषी की उम्र 45 साल थी। इनकी पत्नी चांदनी दोषी को भी कोरोना हो गया था। उनका इलाज विरार के ही जीवदानी अस्पताल में शुरू था। कोरोना का इलाज करवा रही चांदनी दोषी ने जैसे ही अपने पति कुमार दोषी की मौत की खबर सुनी, उन्हें हार्ट अटैक आ गया। इसके बाद तुरंत ही उनका निधन हो गया। इस खबर को सुनकर अस्पताल और पूरे विरार में लोगों को दिल दहल गया।

राज ठाकरे बोले- मौजूदा स्थिति में सरकारी एजेंसियों पर बहुत तनाव
अस्पताल में आग की घटना को लेकर ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा, मौजूदा स्थिति में सरकारी एजेंसियों पर बहुत तनाव है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इन घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया जाना चाहिए। सरकार को तुरंत जिम्मेदार अधिकारियों की टीमों का गठन करना चाहिए और प्रत्येक अस्पताल में व्यवस्थाओं और अग्नि सुरक्षा प्रणालियों का ऑडिट करना चाहिए। जो त्रुटियां पाई जाती हैं, उनका निवारण किया जाना चाहिए।

देवेन्द्र फडणवीस बोले- इस घटना से मैं तड़प उठा हूं
महारष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को विनाशकारी करार देते हुए सोशल मीडिया में लिखा है- ‘विरार कोविड अस्पताल के ICU में आग लगने से जानमाल के नुकसान के बारे में जानने बाद मैं तड़प उठा। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। घायल और कोविड रोगियों को शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ गहन जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।’

मेरे बयान का गलत मतलब ना निकाले मीडिया
हालांकि, अपने बयान पर सफाई देते हुए राजेश टोपे ने कहा कि मीडिया से मेरी यह विनती है कि वे मेरे बयान का गलत मतलब ना निकाले। उन्होंने कहा कि मीडिया को मेरे कामों का पता है। राज्य की जनता भी यह देख रही है कि मैंने सालभर कोविड काल में अपनी जिम्मेदारियां कितनी ईमानदारी से निभाई हैं। मैं एक अत्यंत संवेदनशील राजनीतिक कार्यकर्ता रहा हूं। इस दु:खद घटना पर सबसे पहली प्रतिक्रिया मेरी ही सामने आई। मैंने साफ कहा कि यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।

मामले की पूरी जांच होगी
उन्होंने आगे कहा कि मृतकों के परिवार वालों के दु:ख में मैं हृदय से सहभागी हूं। इस पूरी परिस्थिति में राज्य सरकार की तरफ से जो भी बन सकेगा, वो हम करेंगे। यह सब मैंने सुबह ही मीडिया से बातचीत में कहा। मैंने यह भी कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पूरी जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी