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मोरबी: पीएम मोदी ने किया 108 फीट ऊँची हनुमान मूर्ति का अनावरण

मोरबी: हनुमान जयंती के अवसर पर शनिवार को गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हनुमान जी अपनी भक्ति से, अपने सेवाभाव से, सबको जोड़ते हैं। हर कोई हनुमान जी से प्रेरणा पाता है। हनुमान वो शक्ति और सम्बल हैं, जिन्होंने समस्त वनवासी प्रजातियों और वन बंधुओं को मान और सम्मान का अधिकार दिलाया। इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं।

पूरे भारत को जोड़ने का काम करती है रामकथा
पीएम मोदी ने कहा कि रामकथा का आयोजन देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है। कथा के दौरान भाषा-बोली जो भी हो, लेकिन रामकथा की भावना सभी को जोड़ती है, प्रभु भक्ति के साथ एकाकार करती है। इसने गुलामी के मुश्किल कालखंड में भी अलग अलग हिस्सों और अलग अलग वर्गों को जोड़ा, आजादी के राष्ट्रीय संकल्प के लिए एकजुट प्रयासों को सशक्त किया।

देश के चारों दिशाओं में हनुमान की मूर्ति स्थापित की जाएंगी
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, भगवान हनुमान से संबंधित चार धाम परियोजना के तहत देश के चारों दिशाओं में हनुमान की मूर्ति स्थापित की जानी है। इस कड़ी में यह हनुमान की दूसरी मूर्ति है, जो पश्चिम दिशा में है। मूर्ति की स्थापना मोरबी के बापू केशवानंद आश्रम में की गई है।

2010 में शिमला में स्थापित की गई थी पहली मूर्ति
इस श्रृंखला की पहली मूर्ति साल 2010 में उत्तर में शिमला में स्थापित की गई है। इसे बनाने में 1.9 करोड़ रुपए की लागत आई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि तीसरी मूर्ति का काम शुरू हो गया है। तीसरी मूर्ति दक्षिण में रामेश्वरम में में स्थापित की जानी है। हरीश चंदर नंदा एजुकेशन ऐंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ये प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

भव्य रामकथा का आयोजन
मोरबी के बेला गांव के पास खोखराधाम में हनुमान जी की प्रतिमा के अनावरण के साथ भव्य रामकथा का आयोजन किया गया है। यह कथा शुक्रवार से शुरू हुई। कथा के पहले दिन बेला गांव से 3 हाथियों, 51 घोड़ों की बग्घी और बारात लेकर शोभायात्रा निकाली गई थी।

देश भर से साधू-संत खोखराधाम पहुंचे
शनिवार को खोखराधाम में कंकेश्वरी देवीजी के मुख से रामकथा का पाठ होगा। इसके बाद कई भक्ति कार्यक्रमों का आयोजन होगा। भक्ति कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए देश भर से साधू-संत खोखराधाम पहुंच चुके हैं।