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सीएम अमरिंदर बोले- महाराष्ट्र सरकार ने नांदेड़ के श्रद्धालुओं को लेकर हमसे झूठ बोला

नयी दिल्ली: कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। भारत में भी कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। सभी राज्य कोरोना को हराने के लिए अपने-अपने स्तर पर काम कर रहे हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने नांदेड़ में फंसे श्रद्धालुओं के कोरोना टेस्ट को लेकर हमसे झूठ बोला। उन्होंने हमसे कहा था कि हम लोगों का कोरोना टेस्ट करवा चुके हैं, लेकिन श्रद्धालुओं का टेस्ट नहीं हुआ था। यदि हमें पता होता तो हम जरूर टेस्ट करवाते।
कैप्टन अमरिंदर ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से मेरी बात हुई थी। इसके बाद ही मैंने 80 बस नांदेड़ हुजुर साहिब भेजी थी। हमें लगा था कि 1500 लोग होंगे लेकिन जब बस पहुंची तो पता लगा कि वहां 3 हजार से ज्यादा लोग हैं और कई श्रद्धालु तो वापस पंजाब के लिए निकल चुके हैं।
अब तक नांदेड़ से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 7 हजार हो चुकी है। लोग हाईवे से आने की बजाय छोटी रोड से पुलिस को चकमा देते हुए भी आए हैं, लेकिन हमने उनको पकड़ लिया।

नांदेड से आए श्रद्धालुओं का हो रहा टेस्ट
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि नांदेड से आए श्रद्धालुओं का टेस्ट हो रहा है। हर दिन हम 1500 टेस्ट कर रहे हैं। इतने सारे लोगों का टेस्ट करने में वक्त लग रहा है और इसमें खर्चा भी ज्यादा है। फिलहाल हमने श्रद्धालुओं को निगरानी में रखा है।
कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा कि पिछले चार-पांच दिन में महाराष्‍ट्र के नांदेड़ स्थित श्री हजूर साहिब से 3525 श्रद्धालु, कोटा (राजस्थान) से 153 विद्यार्थी और 3085 श्रमिक पंजाब में लौटे हैं। इनमें से नांदेड़ से आए श्रद्धालुओं में से 577 की टेस्ट रिपोर्ट आ गई है और इनमें से करीब 20 फीसद कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाहर से आने वाले सभी लोगों द्वारा कोवा मोबाइल एप डाउनलोड किए जाने को सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए।

अन्‍य राज्यों की बसों काे नहीं घुसने देंगे
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के बॉर्डर को सख्ती से सील रखे जाने का आदेश दिया है। उन्‍होंने कहा कि किसी भी अन्य राज्य से बसों को पंजाब में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। सिर्फ दूसरे राज्यों के नागरिकों को वापस लेने के लिए आने वाली या पंजाबियों को वापस लाने वाली बसें ही उपयुक्त दस्तावेजों की जांच के बाद राज्य में प्रवेश कर पाएंगी। उन्होंने जिलों को भी सील करने को कहा है।