दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य निर्भया केस: फिर टली दोषियों की फांसी, पटियाला हाउस कोर्ट ने लगाई रोक! 31st January 202031st January 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली: निर्भया गैंगरेप मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की तरफ से कहा गया कि दोषियों की तरफ से आज कोई अपील या अर्जी लंबित नहीं है। केवल विनय की दया याचिका लंबित है। बाकी दोषियों की याचिका लंबित नहीं है। विनय की दया याचिका का इंतजार किया जा सकता है, इसलिए बाकी तीन दोषियों को फांसी दी जा सकती है। ये किसी कानून या नियम के खिलाफ नहीं है’। सुनवाई के दौरान वकीलों के बीच बहस हो गई, जिस पर जज ने नाराजगी जताई।पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों पर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट तय करेगा कि दोषियों की फांसी की तारीख़ को बढ़ाया जाए या नहीं। दरअसल, 1 फ़रवरी की सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी होनी है। इसी बीच पवन जल्लाद ने निर्भया के चारों दोषियों के “डमी” को फांसी लगाकर ट्रायल किया। कैदी के वजन से डेढ़ गुना वज़न के पुतलों को लटकाया। रस्सी, तख्ते और लिवर का ट्रायल भी हुआ।अदालत ने सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील एपी सिंह से कहा कि सुबह 6 बजे फांसी होनी है। आपको बहस पूरी करनी है हमें आदेश देना है। आप या को खुद का बचाव कीजिए या फिर दोषी का।निर्भया के माता-पिता की वकील ने कहा कि ये लोग मामले को खींच रहे हैं। जब एक ही केस हैं तो ये दोषी अलग-अलग क्यों याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं। निर्भया के माता-पिता की वकील ने कोर्ट में कहा कि नियम कहता है कि जेल प्रशासन इस संबंध में सरकार को संदेश भेजकर पूछेगा कि क्या फांसी रोकी जाए। अगर कोई जवाब नहीं मिलता तो फांसी को रोका जा सकता है। इसके लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है। वहीं, तीन दोषियों के वकील की तरफ से कहा गया कि जेल मैनुअल यही कहता है कि अगर किसी एक दोषी की भी याचिका लंबित हो तो बाकी को फांसी नहीं दी जा सकती। दोषी के वकील एपी सिंह ने कहा कि विनय की दया याचिका लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन दिए जाएंगे। इसलिए किसी को भी फांसी नहीं दी जा सकती। इसलिए नई तारीख तय की जाए। वकील एपी सिंह ने कहा कि शनिवार को किसी को फांसी नहीं दी जा सकती। डेथ वारंट पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगाई जाए, जब तक राष्ट्रपति दया याचिका पर फैसला ना करें। वहीं, निर्भया के माता-पिता की वकील ने वृंदा ग्रोवर के पेश होने पर आपत्ति जताई और कहा कि वो अब इस केस में पेश नहीं हो सकतीं। कोर्ट ने वृंदा को बहस करने की इजाजत दी। वृंदा ने कहा कि कानून में खामियों के चलते देरी हो रही है। मैंने कोशिश की देरी ना हो इसलिए दोषी मुकेश की ओर से जल्द याचिकाएं लगाई और दोषियों को अलग-अलग कर फांसी नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में नाराजगी जताई थी। Post Views: 147