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महाराष्ट्र: कोरोना में मदद के लिए मुख्यमंत्री सहायता निधी कोविड-19 नाम से खुला नया खाता

मुंबई: वैश्विक महामारी कोरोना के संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर राज्य का बड़ी तादाद में पैसा खर्च हो रहा है। इस संकट से निपटने के लिए समाजसेवी संस्थाएं, उद्योग जगत, धार्मिक संस्थाएं और अन्य लोग भी अपनी इच्छा से मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
कोरोना से जंग जितने के लिए जो लोग अपनी इच्छा से पैसा दे रहे हैं वह पैसा कोरोना से निपटने में ही खर्च हो इसके लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सहायता कोष कई विशेष खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खोला है। शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपील की है कि जो लोग कोरोना से निपटने के लिए सरकार को मुख्यमंत्री सहायता कोष में आर्थिक मदद देना चाहते हैं वह इस खाते में पैसे जमा कर सकते हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में खोले गए इस खाते का नाम है ‘मुख्यमंत्री सहायता निधी कोविड-19‘ और इसका अकाउंट नंबर 39239591720 है। यह खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की फोर्ट स्थित मेन ब्रांच में खुला गया है। ब्रांच कोड 00300 और आईएफएससी कोड SBIN0000300 है। इस खाते में ऑनलाइन भी पैसे जमा कराए जा सकते हैं। महाराष्ट्र में कोरोना से लड़ने के लिए “मुख्यमंत्री सहायता निधी कोविड-19” में आप अपना आर्थिक सहयोग दे सकते हैं।

बता दें कि मुंबई शहर में अब तक कोरोना वायरस के 108 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें से 4 डॉक्टर हैं। खबर के अनुसार, मरीजों के इलाज के दौरान ही डॉक्टर इस वायरस से संक्रमित हो गए। अब तक जिन चार लोगों की मौत हुई है, उनमें से एक 85 साल के रिटायर्ड यूरोलॉजिस्ट भी हैं। संक्रमण के इस दौर में बड़े पैमाने पर मास्क और सैनिटाइजर की खरीद से डॉक्टरों के सामने खतरा पैदा हो गया है। इस महामारी से निपटने के लिए डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को मास्क और सैनिटाइजर की सबसे ज्यादा जरूरत है। जब डॉक्टर खुद ही प्रोटेक्ट नहीं रहेगा तो सबको कैसे सुरक्षित रखेगा। कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित चीन और इटली में पिछले कुछ महीनों में कई डॉक्टर्स की जान भी जा चुकी है। मुंबई में शनिवार को चौथा डॉक्टर भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि वर्ली का यह डॉक्टर कहीं विदेश भी नहीं गया था। लेकिन सूरत में उसने कुछ लोगों से मुलाकात की थी, जो हाल ही में बाहर देश से वापस आए थे।
डॉक्टरों के संक्रमित होने से मुंबई के डॉक्टरों में भी चिंता फैल रही है। मदद के लिए आगे आ रहे डॉक्टर भी उलझन में हैं। ऐसे ही एक डॉक्टर ने बताया, डॉक्टर्स हाई रिस्क पर हैं। बचाव के स्तर पर भी भारी कमी है क्योंकि लोगों ने सभी मास्क और सैनिटाइजर पहले ही खरीद लिया है। कायदे से तो इस महामारी से निपटने के लिए डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। जब डॉक्टर खुद ही प्रोटेक्ट नहीं रहेगा तो सबको कैसे सुरक्षित रखेगा।

मास्क-सैनिटाइजर की कमी होने से बढ़ा खतरा
महाराष्ट्र मेडिकल काउन्सिल के अध्यक्ष डॉक्टर शिवकुमार उत्तुरे ने कहा, बड़े पैमाने पर सेफ्टी सामानों की खरीद से डॉक्टरों को खतरा हो गया है। उन्होंने बताया कि आईएमए की तरफ से डॉक्टरों को क्लिनिक खोलने और अपॉइंटमेंट लेकर ही मरीजों को देखने को कहा है। एमएमसी ने टेलिफोन पर सलाह देने की व्यवस्था भी की है।अधिकारियों ने सभी डॉक्टर्स की छुट्टियां कैंसल कर दी हैं।