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महाराष्ट्र: उद्धव सरकार में अंतर्कलह की ख़बरें, बार-बार वापस लेने पड़ रहे हैं फैसले!

CM उद्धव ठाकरे के साथ एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात (फाइल फोटो)

मुंबई: महाराष्ट्र की तीन दलों की गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक नही चल रहा है. सरकार के घटक दलों में तकरार के संकेत लगातार मिल रहे हैं. इसी तकरार की वजह से उद्धव सरकार को बार-बार अपने फैसले वापस लेने पड़ रहे हैं.
विवाद का सबसे ताज़ा विषय है मुंबई पुलिस के डीसीपी रैंक के अधिकारियों के तबादले. हाल ही में मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने शहर के 10 डीसीपी का तबादला कर दिया.
हालांकि गृहमंत्रालय एनसीपी के पास है, लेकिन शिवसेना का कहना था की मुंबई में आला पुलिस अधिकारियों के तबादलों की जानकारी उसे होनी चाहिए. उद्धव ठाकरे ने अपनी नाराजगी जताई और पुलिस आयुक्त को अपने घर तलब किया. इस दौरान गृहमंत्री अनिल देशमुख ने आदेश दिया कि सारे तबादले रद्द किये जाते हैं. यह कोई पहली बार नहीं है, जब उद्धव सरकार के घटक दलों के बीच चल रही आपसी खींचतान इस तरह से बाहर आई हो. पिछले हफ्ते ही आपसी मतभेद की वजह से राज्य सरकार को अपना एक और फैसला वापस लेना पड़ा था. ये फैसला लॉकडाउन को लेकर था.

2 किलोमीटर वाला नियम भी लिया गया वापस
मुंबई में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के मद्देनज़र मुंबई पुलिस ने फरमान जारी किया कि कोई भी व्यक्ति अपने घर से 2 किलोमीटर के दायरे से बाहर नहीं जाएगा. सिर्फ कुछ मामलों में ही ढील दी गई. कई वाहन जब्त किए गए और लोगों से जुर्माना वसूला गया. लेकिन पुलिस की इस नीति का काफी विरोध हुआ. एनसीपी ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि ये फैसला उससे बिना पूछे लिया गया. शरद पवार ने इस सिलसिले में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और अपनी नाराजगी जताई. जिसके बाद उसे वापस ले लिया गया.

एक तरफ महाराष्ट्र में अनलॉक-2 की प्रक्रिया शुरू हुई है तो दूसरी तरफ इस तरह की बंदिशें लगाकर अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर आने से रोका जा रहा रहा था. शरद पवार के साथ बैठक के बाद 2 किलोमीटर वाला नियम सरकार को वापस लेना पड़ा.

कांग्रेस और शिवसेना के बीच भी हो चुकी है तकरार
एनसीपी और शिवसेना के बीच हुई इस तकरार के पहले कांग्रेस और शिवसेना के बीच भी तकरार हो चुकी है. कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया था कि ठाकरे सरकार में उनको साइडलाइन किया जा रहा है. इसके बाद शिवसेना ने भी अपने अखबार सामना के जरिए पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस एक पुरानी खटिया के जैसी है और कुर कुर की आवाज करती रहती है.
ठाकरे सरकार के घटक दलों के बीच चल रही इस तनातनी पर बीजेपी बारीकी से नज़र रख रही है. राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि यह सरकार जिस तरह से बार-बार अपने फैसले वापस ले रही है, उससे पता चलता है की सरकार के भीतर समन्वय का अभाव है.

(फाइल फोटो)

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उद्धव सरकार को 7 महीने पूरे हो चुके हैं और इस दौरान सरकार के तीनों घटक दलों के बीच कई बार विवाद हुए, लेकिन इस बार एक के बाद एक जिस तरह से नए विवाद लगातार सामने आ रहे हैं, उससे सियासी हलकों में सरकार और आगे कितना चल पाएगी इस सवाल को लेकर जोरदार चर्चा शुरू हो गई है.