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सफदरजंग अस्पताल में धरने पर बैठा परिवार, पीड़िता के शव को गायब किये जाने का आरोप

हाथरस गैंगरेप: जिंदगी से जंग हार गई एक और निर्भया! हवस के वहशी दरिंदों को सजा दिलाने के लिए छिड़ी मुहिम…

नयी दिल्ली: हाथरस गैंगरेप पीड़िता के पिता और भाई सफदरजंग अस्पताल में धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारी अनुमति के बिना शव को अस्पताल से ले जाया गया। हमें कोई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं मिली। हमने किसी कागजात पर हस्ताक्षर नहीं किए। वहीं अस्पताल के बाहर भारी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया है। इसके अलावा कांग्रेस और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च निकाल पीड़िता को न्याय दिलाए जाने की मांग की है।
बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा था कि पीड़ित परिवार से बात हुई है उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की लाश गायब कर दी गई है।
सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट किया- अभी-अभी हाथरस की बलात्कार पीड़िता के परिवार से बात हुई। उनकी बेटी की लाश गायब कर दी गई है। परिवार धरने पर सफदरजंग अस्पताल में बैठा हुआ है। उसके गांव में भी उनके रिश्तेदारों को आने नहीं दिया जा रहा है। दलित की बेटी, देश की बेटी नहीं है? वहीं परिवार का कहना है कि हमारी अनुमति के बिना अस्पताल शव को कैसे ले जाया सकता है।

भीम आर्मी चीफ ने रखी ये मांगे, वरना भारत बंद
वहीं भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि हमारी बहन-बेटियों की जान इतनी सस्ती नहीँ है, हमे न्याय चाहिए। केन्द्र सरकार पीड़ित परिवार को 2 करोड़ का मुआवजा, फर्स्ट क्लास नौकरी और आरोपियों को फास्टट्रैक कोर्ट के माध्यम से 30 दिन में सजा की घोषणा करें। यदि 24 घण्टे में हमारी मांगे नही मानी जाती तो भीम आर्मी भारत बंद करेगी।

पीड़िता के परिवार को अभी तक 10 लाख की मदद
घटना के बाद और अब पीड़िता की मौत होने पर हाथरस जिला प्रशासन ने परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है। जिलाधिकारी हाथरस प्रवीण कुमार लक्षकार ने पीड़िता के परिजनों को 5 लाख 87 हजार 500 रुपये की सहायता धनराशि देने की घोषणा की। इससे पहले प्रशासन द्वारा पीड़िता के परिजनों को 4 लाख 12 हजार 500 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है।

14 सितंबर की घटना
बता दें कि 14 सितंबर को 19 वर्षीया पीड़िता अपनी मां के साथ चारा लेने गई थी तभी गांव के ही दबंगों ने उस पर हमला बोला था। पहले भाई की तरफ से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 यानी जान से मारने की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था। इसमें एक आरोपी संदीप को नामजद बनाया गया था। लेकिन इसके बाद जब पीड़िता के 161 और 164 के तहत बयान दर्ज हुए तो उसने अपने साथ रेप और तीन अन्य लोगों का भी नाम लिया। जिसके बाद पुलिस ने गैंगरेप की धारा 376डी बढ़ाते हुए तीन अन्य आरोपियों को भी आरोपी बनाया। इस मामले में सभी आरोपी संदीप, लवकुश, रामकुमार और रवि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।