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हिंसक हुआ गुर्जर आंदोलन : प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के 3 वाहनों में आग लगाई, 4 पुलिसकर्मी घायल

जयपुर, राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण के लिए आंदोलन रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। गुर्जर नेता दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पटरियों पर बैठे हैं जिससे कई प्रमुख ट्रेनों को रद्द कर दिया गया हैं या उनके मार्ग में बदलाव किया गया है। इस बीच शांतिपूर्वक चल रहा आंदोलन हिंसक हो उठा है। आंदोलनकारियों ने धौलपुर जिले में आगरा-मुरैना राजमार्ग को बंद करने की कोशिश की। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई। उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के तीन वाहनों को आग लगा दी। रविवार को भी 7 ट्रेनों को रद करना पड़ा जबकि 9 के रूट में बदलाव किया गया।
धौलपुर के पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने आगरा-मुरैना राजमार्ग को बाधित कर दिया। कुछ हुड़दंगियों ने हवा में गोलियां चलाईं। इन लोगों ने पुलिस की एक बस सहित तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान हुए पथराव में चार जवानों को चोट आईं। पुलिस ने आंदोलनकारियों को खदेड़ने के लिए हवा में गोलियां चलाईं। लगभग एक घंटे बाद इस राजमार्ग पर यातायात बहाल कर दिया गया। भरतपुर रेंज के आईजी भूपेंद्र साहू ने गुर्जर समुदाय से कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने की अपील की है।
दूसरी ओर, गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने भी प्रदर्शनकारियों से शांति बरतने की अपील की है। बैंसला ने कहा कि प्रदेश सरकार को हमारी मांग पूरी करनी चाहिए। उन्‍होंने एक बार फिर दोहराया कि जब तक गुर्जर समुदाय को पांच परसेंट आरक्षण नहीं मिल जाता, आंदोलन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिनिधिमंडल के बीच शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी। सवाईमाधोपुर-बयाना के बीच गुर्जर आंदोलन के कारण ज्यादा भीड़ हो गई है। इसलिए, पश्चिम रेलवे ने बांद्रा टर्मिनस से सवाईमाधोपुर के बीच 10-14 फरवरी के बीच रात 8:15 पर स्पेशल ट्रेन चलाई है। यह सवाईमाधोपुर से दोपहर 1:45 बजे निकलेगी। इस रूट पर रविवार को सात ट्रेनें पूरी तरह से और दो आंशिक रूप से रद कर दी गईं। इसके अलावा 9 ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है। पश्चिम मध्य रेलवे के प्रवक्‍ता ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को कुल 200 ट्रेनें रद करनी पड़ी थीं।

क्या है मामला :
बता दें कि गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्‍थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका रेबारी, गडिया, लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। वर्तमान में अन्‍य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्‍त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जरों को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिल रहा है। बैंसला ने कहा है कि जब तक उनकी 5% प्रतिशत आरक्षण की मांग पूरी नहीं हो जाती, वह आंदोलन जारी रखेंगे।