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मानसिक रूप से अस्वस्थ 22 साल की लड़की से रेप केस में 4 दोषियों को 20 साल और एक दोषी को 14 साल जेल की सजा का ऐलान

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ठाणे की एक सत्र अदालत ने पांच लोगों को 2016 में 22 साल की एक मानसिक रूप से अस्वस्थ लड़की से रेप का दोषी पाया है। अदालत ने चार दोषियों को 20 साल के कठोर कारावास और पांचवें दोषी को 14 साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही, चार दोषियों पर जज एसए सिन्हा ने 20,000 रुपये और पांचवें दोषी पर 10,000 रुपये जुर्माना लगाया है। बता दें कि तीन साल पहले इस अमानवीय घटना को राज्य विधानसभा में उठाया गया था जिसके बाद इसे फास्ट-ट्रैक में देखा गया।

गलती से पहुंची थी पीड़िता :
दोषी पाए गए फल विक्रेता गोपी बोरा, ऑटोरिक्शा चालक बालाजी और उसके तीन दोस्तों राजेश मौर्या, कमलेश और विजय बहादुर लोकमान्य नगर और सावरकर नगर के रहनेवाले हैं। अभियोजन पक्ष की वकील उज्जवला महोलकर ने कोर्ट को बताया कि 8 जनवरी, 2016 को रात करीब 8 बजे पीड़िता की मां ने उससे आटे की मिल पर जाने को कहा था लेकिन मानसिक रूप से अस्वस्थ पीड़िता अपनी बहन के पड़ोसी गोपी के घर पहुंच गई।

2 बार में 5 लोगों ने किया रेप :
बोरा ने उसे अंदर बुला लिया और रेप करके उसे कुछ घंटे बाद छोड़ दिया। उसने पीड़िता को धमकी दी कि वह किसी से कुछ न कहे। पीड़िता वहां से निकली तो बालाजी ने अपने ऑटो में उसे घर छोड़ने की बात कहकर बैठाया और लोकमान्य नगर बस स्टॉप के पास सुनसान इलाके में ले गया। वहां उसने अपने तीन दोस्तों को बुलाया और पीड़िता को जबरदस्ती शराब पिलाई। चारों ने फिर उसके साथ रेप किया।

महाराष्ट्र सदन में गूंजा था मामला :

जब वह घर पहुंची तो उसने इशारों में अपनी मां को सब समझाया। घर वालों ने उसके कपड़ो पर लगे खून के निशान को देखा और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट में 17 गवाहों ने मामले में गवाही दी। गोपी बोरा के खिलाफ रेप और बाकी दोषियों के खिलाफ गैंगरेप, अपहरण और आईपीसी की दूसरी धाराएं लगाई गई हैं। ठाणे पुलिस के एक सूत्र ने बताया है कि सात विधायकों ने मामले को अटेंशन मोशन के जरिए सदन में उठाया था और जूनियर मिनिस्टर रंजीत पाटिल ने घोषणा की थी कि इसे फास्ट-ट्रैक कोर्ट में देखा जाएगा।