दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़

जम्मू-कश्मीर में धूमधाम से मना स्वतंत्रता दिवस, राज्यपाल मलिक बोले- आतंकियों ने मानी हार

जम्मू, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्यभर में स्वतंत्रता दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर की पंचायतों में सरपंचों ने तिरंगा फहराया। राज्यपाल ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए थे कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि राज्य की हर एक पंचायत में सरपंच तिरंगा फहराएं। जम्मू से लेकर लेह तक आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों की धूम रही। यह पहला मौका था जब पंचायतों में भी तिरंगा फहराया गया। राज्य का मुख्य समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में हुआ जिसमें राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तिरंगा फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। राज्यपाल की हैसियत से अंतिम बार तिरंगा फहराया गया। 31 अक्टूबर को राज्य के पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जब केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे तो यहां पर उपराज्यपाल होंगे।
श्रीनगर में सुरक्षा काफी कड़ी की गई थी। वहीं जम्मू में मुख्य समारोह मिनी स्टेडियम परेड में हुआ। यहां राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने तिरंगा फहराया। एक विधान, एक निशान और एक प्रधान का श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना साकार होने की खुशी में भाजपा कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह दिखा। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में भी तिरंगा फहराया गया जिसमें प्रदेश प्रधान रविन्द्र रैना खुशी में झूमते नजर आए। रविन्द्र रैना ने कहा कि अब राज्य का हरेक नागरिक स्वतंत्र रूप से तिरंगा फहरा रहा है। यहां के लोगों को दो परिवारों से मुक्ती मिली है।
लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने से लेह में स्वतंत्रता दिवस समारोह की अच्छी खासी घूम रही। लोग समारोह में झूमते-नाचते नजर आए। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश प्रधान जीए मीर ने तिरंगा फहराया। जम्मू शहर के गली, मुहल्लों, चौहरों में हर जगह स्वतंत्रता दिवस की धूम दिखी। तिरंगा फहराने के कार्यक्रम हुए।
जिला सांबा में रानी सुचेत सिंह स्टेडियम में डिप्टी कमिश्नर रोहित खजुरिया ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसी तरह राजौरी, पुंछ, डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह, रियासी, ऊधमपुर, कटड़ा के दूरदराज इलाकों में भी स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। लोगों में आजादी के जश्न को लेकर काफी उत्साह नजर आया। जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल संसद में पारित हो गया है और 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाएंगे। संयुक्त राज्य में यह मनाया गया अंतिम स्वतंत्रता दिवस था।

राज्यपाल मलिक बोले- आतंकियों ने मानी हार
श्रीनगर जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में तिरंगा फहराया और कहा है कि सशस्त्र बलों की सतत कार्रवाई से आतंकवादियों ने हार मान ली है।
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद यह पहला स्वतंत्रता दिवस है। मलिक ने गुरुवार को ध्वजारोहण के बाद उन्होंने अर्द्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की परेड का निरीक्षण किया। बाद में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि केंद्र के फैसले के बाद लोगों को अपनी पहचान को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है और सशस्त्र बलों की सतत कार्रवाई से आतंकवादियों ने हार मान ली है। मलिक ने कहा कि आतंकवादियों की भर्ती और जुमे की नमाज के बाद पथराव की घटनाओं में भारी कमी आई है। इस बीच संविधान के अनुच्छेद-370 के तहत राज्य को मिला विशेष दर्जा खत्म करने के मद्देनजर यहां प्रतिबंध लागू रहा। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि बुधवार को श्रीनगर सहित कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में प्रतिबंधों में ढील दी गई, हालांकि घाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ प्रतिबंध जारी हैं।
अधिकारी ने बताया कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद से कश्मीर में शांति बनी हुई है इसलिए सरकार ने कई इलाकों में लागू निषेधाज्ञा में ढील दी है।