दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़शहर और राज्य …अब आवाज से पता चल जाएगा कोरोना है या नहीं?भारत और इजरायल के वैज्ञानिक ने खोजे 4 नए तरीके, चल रही टेस्टिंग 24th July 202024th July 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पीएम मोदी की दोस्ती जगजाहिर है (फाइल फोटो) नयी दिल्ली: देश में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़े हैं। इसी बीच इजरायल के वैज्ञानिक एक स्पेशल फ्लाइट से भारत आ रहे हैं, जो अपने भारतीय समकक्षों के साथ कोरोना वायरस जांच के 4 नए तरीके खोजेंगे। यदि ये सफल होते हैं तो कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में गेमचेंजर साबित हो सकते हैं। इनमें से दो टेस्ट लार नमूनों की जांच के बाद मिनटों में परिणाम देंगे। तीसरे तरीके में किसी के आवाज से ही बताया जा सकता है कि वह कोरोना संक्रमित है या नहीं। चौथे तरीके में सांस नमूने के रेडियो वेव से संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा। इजरायली वैज्ञानिक राष्ट्रीय राजधानी में एम्स में शोध करेंगे। भारत में इजरायल के राजदूत रोन मलकिन ने कहा, इन टेस्ट टेक्नॉलजीज के पहले फेज की जांच इजरायल में की जा चुकी है। आखिरी स्टेज की जांच भारत में की जाएगी। इजरायल के डायरेक्टोरेट ऑफ डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट के प्रमुख डैनी गोल्ड ने कहा कि एक तकनीक जिसमें पोलीएमिनों एसिड का इस्तेमाल किया जाए, केवल 30 मिनट में परिणाम आ जाएगा। उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि एयरपोर्ट, मॉल या कहीं भी आपकी जांच की जा सकती है। रियल टाइम टेस्टिंग से अर्थव्यवस्था को दोबारा शुरू करने में मदद मिलेगी। एक दूसरे सस्ते बायोकेमिकल टेस्ट को घर पर ही अंजाम दिया जा सकता है और 30 मिनट में परिणाम आ जाता है। दोनों ही जांच लार नमूने से होती है। तीसरी टेक्नॉलजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए किसी व्यक्ति की आवाज को सुनकर यह पता लगाया जा सकता है कि वह कोरोना संक्रमित है या नहीं। गोल्ड ने कहा, यह इस तथ्य पर काम करता है कि कोविड रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करता है। फोन पर आवाज के जरिए भी संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। एक तीसरा तरीका ब्रीथ एनालाइजर का है। उन्होंने कहा, व्यक्ति ट्यूब में सांस लेगा। हम ट्यूब को एक मशीन में डालते हैं जो टेराहर्ट्ज रेडियो फ्रिक्वेंसी और एल्गोरिदम से बता देगा कि आप कोरोना संक्रमित हैं या नहीं। मलकिन ने बताया कि प्रोजेक्ट की अगुआई गोल्ड और पीएम मोदी के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन की अगुआई कर रहे हैं। फंडिंग, लॉजिस्टिक्स, कोऑपेरशन और रिजल्ट साझा हैं। इजरायली और भारतीय वैज्ञानिक इन तकनीकों को भारत में 4 से 5 हजार लोगों पर आजमाएंगे और देखेंगे कि यह सफल है या नहीं। भारतीय वैज्ञानिक भी एल्गोरिदम पर काम करेंगे।इस विमान के जरिए कई आधुनिक तकनीक और उपकरणों को भी भारत लाया जाएगा, जिनमें रोबोट, टेलीमेडिसिन, स्पेशल सैनिटाइजिंग इक्विपमेंट आदि शामिल होंगे। कोविड-19 के खिलाफ भारत-इजरायल की साझेदारीपिछले कुछ वर्षों में भारत और इजरायल के बीच सामरिक रिश्तों में मजबूती आई है। बयान में कहा गया है कि भारत और इजरायल के प्रधानमंत्रियों ने एक-दूसरे के यहां ऐतिहासिक दौरे किए। कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू होने के बाद से अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच तीन बार टेलिफोन पर चर्चा हो चुकी है। बयान कहता है कि दोनों प्रधानमंत्रियों की बातचीत में कोविड-19 महामारी के खिलाफ साझा लड़ाई के लिए टेक्नॉलजी और वैज्ञानिक अनुसंधानों के स्तर पर आपसी तालमेल पर सहमति बनी है। Post Views: 135