दिल्लीदेश दुनियामुंबई शहरशहर और राज्य आज है ‘विश्व हिंदी दिवस’, जानें- क्यों मनाया जाता है?क्या है इसका इतिहास और महत्व… 10th January 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this १० जनवरी हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। इस दिन दुनियाभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर देश-विदेश में हिंदी भाषा में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जन-जन तक पहुंचाना है। इसे सबसे पहले १० जनवरी, २००६ को मनाया गया था। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की। इसके बाद से हर साल १० जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं, भारत में हिंदी दिवस १४ सितंबर को मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस का इतिहासहिंदी को दुनियाभर में जन-जन तक पहुंचाने और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने हेतु १० जनवरी, सन १९७५ को पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में आयोजित किया किया गया। इस सम्मेलन में दुनियाभर के ३० देशों के १२२ प्रतिनिधियों ने शिरकत की। इस दिन ही विश्व हिंदी दिवस मनाने का प्रस्ताव पेश किया गया। इसके बाद साल २००६ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने १० जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की। इस साल विदेश में पहली बार भारतीय दूतावासों में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया। इसकी शुरुआत नॉर्वे के भारतीय दूतावास से हुई थी।इस दिन देश-दुनिया में लोग एक दूसरे को विश्व हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हैं। विश्व हिंदी के मौके पर देश और दुनिया में एकसाथ हिंदी भाषा में कई संगोष्ठी किए जाते हैं। साथ ही विदेश में स्थित सैंकड़ों विश्वविद्यालयों में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। जहां, हिंदी पढ़ाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में पांचवे स्थान पर है। यह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। वहीं, फिजी में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। भारत में १४ सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवसभारत में १४ सितंबर को हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसी दिन देवनागरी लिपि में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। हज़ारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविन्द दास के साथ-साथ व्यौहार राजेंद्र सिम्हा के प्रयासों की बदौलत भारत गणराज्य की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी को अपनाया गया था।१४ सितंबर १९४९ को व्यौहार राजेंद्र सिम्हा के ५० वें जन्मदिन पर हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया और इसके बाद प्रचार-प्रसार को आगे बढ़ाने के प्रयासों में तेजी आई। भारत के संविधान द्वारा २६ जनवरी १९५० को यह निर्णय लागू किया गया था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-३४३ (Article 343) के तहत देवनागरी लिपि (Devanagari Script) में लिखी गई हिंदी (120 से अधिक भाषाओं में प्रयुक्त होने वाली लिपि) को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। भारत में कुल मिलाकर २२ अनुसूचित भाषाएँ हैं, जिनमें से दो हिंदी और अंग्रेजी को आधिकारिक तौर पर संघ स्तर पर उपयोग किया जाता है। देशभर में हिंदी लगभग ३२.२ करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है जबकि लगभग २७ करोड़ लोग अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करते हैं।इस दिन राजभाषा पुरस्कारों से मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और राष्ट्रीयकृत बैंकों को सम्मानित किया जाता है। ग्रामीण भारत में भी केवल अंग्रेजी और हिंदी में बैंक चालान उपलब्ध कराया जाता है।बता दें कि गृह मंत्रालय ने २५ मार्च २०१५ के अपने आदेश में हिंदी दिवस पर प्रतिवर्ष दिए जाने वाले दो पुरस्कारों के नाम बदल दिए थे. १९८६ में स्थापित इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार को बदलकर ‘राजभाषा कीर्ति पुरस्कार’ और राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक लेखन पुरस्कार को बदलकर ‘राजभाषा गौरव पुरस्कार’ कर दिया गया था। Post Views: 174