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आत्मनिर्भर भारत अभियान में हैंडीक्राफ्ट और हथकरघा उद्योग की सार्थक भूमिका

मुंबई: हमेशा की तरह आत्मनिर्भर भारत अभियान के लक्ष्य में सहयोग तथा लक्ष्य की प्राप्ति के उद्देश्य हेतु एबी फाउंडेशन की ओर से रविवार 6 दिसंबर को हैंडीक्राफ्ट्स तथा हथकरघा उद्योग का आत्मनिर्भर भारत अभियान में उनकी भूमिका को लेकर आयोजित वेबीनार में बनारस के प्रसिद्ध उद्यमी तथा बनारस एसोसिएशन के सचिव राजन बहल ने इस बात पर जोर दिया कि हमें सिर्फ प्रोडक्शन के ऊपर अपना ध्यान केंद्रित न कर उनके ऊपभोग पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री में जीएसटी कथा बैंकिंग समस्याओं की भी जानकारी दी, जो इस व्यवसाय की गति में रुकावट पैदा कर रहे हैं।
दूसरे वक्ता गांधीवादी विचारधारा के पोषक प्रसिद्ध समाजसेवी राम धीरज ने जहां टेक्सटाइल के ऊपर नई पॉलिसी तथा नीति बनाने पर बल दिया तथा साथ ही साथ उन्होंने हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री के डेवलपमेंट की महत्ता की व्याख्या की। उन्होंने लोगों की जीवन शैली तथा सृजन क्षमता में विधि वृद्धि के साथ हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री की आज के समाज में उसकी ग्रोथ पर बल दिया।
वरिष्ठ पत्रकार सुश्री अनिता चौधरी ने जहां खादी इंडस्ट्री में नवीनता तथा उनकी आज के परिपेक्ष्य में जो कंपटीशन युग है उसमें उनके मूल्य को आज की जरूरत बताया।
कार्यक्रम में मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार नवीन पांडेय ने स्वदेशी वस्तुओं की बेहतरीन मार्केटिंग पर जोर देने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश यानी पूर्वांचल की कई वस्तुएं प्रसिद्ध है, लेकिन उन चीजों की मार्केटिंग की जरूरत है। पूर्वांचल की अनेक वस्तुएं बनारसी साड़ियां, जौनपुर की मूली, चीनी मिट्टी की बरतन, प्रतापगढ़ के मुरब्बे, प्रयागराज के अमरूद, काला चावल, भदोही की कालीन, देशी गुड़ आदि में असीम संभवनाएं हैं। इसके लिए बस प्रयास की जरूरत है।
अपना पूर्वांचल महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव और एबी फाउंडेशन के ट्रस्टी चार्टर्ड अकाउंटेंट चंद्रकांत मिश्रा ने इस वेबिनार को आज की जरूरत बताया तथा संस्था के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
कार्यक्रम के मॉडरेटर की भूमिका का सफल निर्वाह करते हुए रवि पांडेय ने हमेशा की तरह अपनी भूमिका को बेहतरीन तरीके से अंजाम दिया।
संस्था के संरक्षक एवं वरिष्ठ पत्रकार पदमपति शर्मा ने जहां बनारसी साड़ियों की सदियों पुरानी परंपराओं की याद दिलाई तथा साथ ही साथ समाज में व्यवसाय को गति प्रदान करने में भ्रष्टाचार किस प्रकार कम किया जा सके इस पर उन्होंने विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम के अंत में संस्था की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव में अधिवक्ता आनंद कुमार सिंह ने जहां इस हैंडीक्राफ्ट उद्योग को क्रिएटिव इंडस्ट्री बदलने की वकालत की तथा इस बात को बताया कि हैंडीक्राफ्ट उद्योग विकसित तथा विकासशील देश दोनों में समान प्रभाव रखता है। उन्होंने जापान के उद्योग का हवाला भी दिया जहां 84 परसेंट उद्योग वहां छोटे और मध्यम साइज है। वहां की बॉस्केट वीविंग की भी जानकारी दी। उन्होंने इस हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री को जिसे काफी कम पूंजी से शुरू किया जा सकता है। इसे आत्मनिर्भर भारत तथा नया भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होगी। अंत में उन्होंने सभी दर्शको से अपील की कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में हैंडीक्राफ्ट और हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सार्थक भूमिका निभाएं।