महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य उत्तराखंड: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को हाईकोर्ट की अवमानना का नोटिस 20th October 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना की वजह से बंद पड़े मंदिरों को खोलने को लेकर हुए चिट्ठी वार में घिरे राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के सामने नई मुश्किल खड़ी हो गई है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया गया है। मंगलवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यह नोटिस जारी कर कोश्यारी को 4 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। शरद कुमार शर्मा की पीठ ने एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है।पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर राज्य में कोरोना की वजह से बंद पड़े धर्मस्थलों को खुलवाने का अनुरोध किया था। राज्यपाल ने तंज कसते हुए पूछा है कि क्या उद्धव को ईश्वर की ओर से कोई चेतावनी मिली है कि धर्मस्थलों को दोबारा खोले जाने को टालते रहा जाए या फिर वह सेक्युलर हो गए हैं। महाराष्ट्र में कोश्यारी की चिट्ठी पर मचा था खूब बवालमहाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चिट्ठी पर खूब बवाल मचा था। राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में सीएम उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व पर भी हमला किया था। इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी चिट्ठी लिखी थी। इसमें शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोई आत्मसम्मान वाला व्यक्ति होता तो पद पर नहीं बना रहता। रूलक ने दायर की थी याचिकारूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटेलमेंट केंद्र (रूलक) ने मामले में उत्तराखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास तथा अन्य सुविधाओं के एवज में बकाया किराया 6 महीने के भीतर जमा करने का आदेश दिया था। कोश्यारी ने कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अपना बकाया किराया जमा नहीं किया, जिस वजह से मंगलवार को कोर्ट ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा- पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी के खिलाफ मुकदमा क्यों न दर्ज कराया जाए?रूलक ने ही कोश्यारी की ओर से बकाया राशि जमा न करने पर अवमानना की याचिका डाली थी। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूछा है कि आदेश की अनुपालना क्यों नहीं की गई और इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी के खिलाफ मुकदमा क्यों न दर्ज कराया जाए? राज्यपाल को दिया जा सकता है अवमानना का नोटिस?राज्यपाल और राष्ट्रपति के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर करने से दो महीने पहले उन्हें सूचना देना जरूरी होता है। याचिकाकर्ता ने बताया कि इसे ध्यान में रखते हुए कोश्यारी को 60 दिन पहले नोटिस भेजा था। 10 अक्टूबर को दो महीने पूरा होने के बाद ही उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी। बताया गया कि कोश्यारी पर आवास तथा अन्य सुविधाओं का 47 लाख से ज्यादा की राशि बकाया है। इसके अलावा बिजली और पानी का बिल भी पूर्व मुख्यमंत्री की ओर नहीं दिया गया है। Post Views: 193