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उत्तर भारतीय समाज को सिर्फ वोट बैंक न समझा जाए: कृपाशंकर सिंह

मुंबई: पूर्व गृह राज्यमंत्री व वरिष्ठ उत्तर भारतीय नेता कृपाशंकर सिंह ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियां उत्तर भारतीयों को अपना वोट बैंक समझने की भूल न करें क्योंकि उत्तर प्रदेश के लोग उत्तर देना अच्छी तरह से जानते हैं।सिंह ने यह बात सामाजिक संस्था की तरफ से आयोजित उत्तरभारतीयों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने बताया कि एक लाख उत्तर भारतीयों से सम्पर्क करने के लिए सम्पर्क अभियान शुरु किया गया है।

इस मौके पर पूर्व मंत्री रमेश दुबे ने कहा कि इस बैठक के बाद कई तरह की टिका-टिप्पणी होंगी, परंतु उत्तर भारतीय समाज को छोटी सोच से ऊपर उठकर पुरानी पीढ़ी से प्रेरणा लेकर अब नए ढंग से संगठित होकर अपनी ताकत का एहसास कराना चाहिए और आपस में भाई-चारे के संबंध को मजबूत करना चाहिए।
शनिवार को अंधेरी (पूर्व) स्थित जे.बी. नगर में हुई ‘परिश्रमःद वाइस ऑफ हार्ड वर्कर्स अभियान’ की पहली बैठक में कृपाशंकर सिंह सहित उत्तर भारतीय समाज के सभी वरिष्ठ नेताओं ने एक सुर में कहा कि उत्तर भारतीय समाज को सिर्फ वोट बैंक न समझा जाए। मुंबई की 227 में से 105 सीटों में उत्तर भारतीय समाज निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। लिहाजा मुंबई का अगला महापौर उत्तर भारतीय समाज ही तय करेगा। बैठक में पूर्व मंत्री रमेश दुबे, चंद्रकांत त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र, मधुकांत शुक्ल, डॉ. वागीश सारस्वत, रामबख्श सिंह, अखिलेश चौबे, एडवोकेट जयप्रकाश विश्वकर्मा, अखिलेश सिंह, लक्ष्मी नारायण चौरसिया, दीपक यादव, बी के तिवारी, चित्रसेन सिंह, कृपाशंकर पांडे, एडवोकेट गिरी, मनोज सिंह सहित उत्तर भारतीय समाज के कई अन्य गणमान्य मौजूद थे।