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उद्धव ठाकरे का केंद्र को खुला चैलेंज, बोले-‘पीएम केयर्स फंड की भी जांच कराई जाए…’

मुंबई: शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कथित कोविड 19 अस्पताल घोटाले में उनकी पार्टी के कुछ करीबी लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर पलटवार किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीएमसी के कोविड खर्च की जांच हो रही है तो ‘पीएम केयर्स फंड’ की भी जांच की जानी चाहिए।

उद्धव ठाकरे ने नागपुर, पिंपरी-चिंचवड और पुणे के नगर निकाय के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और गुजरात सरकार की भी जांच कराने की मांग की, जिनका नेतृत्व बीजेपी कर रही है। ठाकरे ने ठाणे नगर निकाय की भी जांच कराने की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का नियंत्रण था। इन निकायों का कार्यकाल वर्ष 2022 में समाप्त हो गया था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से चुनाव नहीं कराए गए हैं।

शनिवार को दादर के शिवाजी मंदिर हॉल में मुंबई के शाखा प्रमुखों व पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने सरकार को कोरोना महामारी के दौरान बीएससी के कामकाज की जांच कराने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि उस वक्त महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन कानून लागू थे और खतरनाक स्थिति के मद्देनजर नियम कायदों से परे जाकर लोगों की जान बचाने की आवश्यकता थी।

‘पीएम केयर्स फंड किसी जांच के दायरे में नहीं आता’
बता दें कि पिछले साल फरवरी में कार्यकाल समाप्त होने तक बीएमसी पर अविभाजित शिवसेना का नियंत्रण था। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, हम किसी जांच से नहीं डरते और अगर आप (सरकार) जांच कराना चाहते हैं, तो आपको ठाणे नगर निगम, पिंपरी-चिंचवड, पुणे और नागपुर नगर निकायों की भी जांच करानी चाहिए।
उन्होंने कहा, पीएम केयर्स फंड की भी जांच कराई जानी चाहिए। पीएम केयर्स फंड किसी जांच के दायरे में नहीं आता। लाखों और करोड़ों रुपये एकत्र किए गए। कई वेंटिलेटर सही से काम नहीं कर रहे थे। हम भी जांच कराएंगे।

प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की स्थापना वर्ष 2020 में कोविड 19 महामारी से निपटने के लिए एक परमार्थ न्यास के तौर पर की गई थी। इस कोष के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं, जबकि रक्षा मंत्री, गृहमंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं।