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किसान संगठनों का ऐलान- सात जनवरी को दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर मार्च करेंगे किसान

नयी दिल्ली: तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन दिल्ली में मंगलवार को 41वें दिन भी जारी है। पिछले तीन दिनों से खराब मौसम के बावजूद किसान संगठनों के नेता और कार्यकर्ता राजधानी की सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं। किसान संगठनों ने अपनी मांगों के पूरा होने तक संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया है। इस आंदोलन को अलग-अलग संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है।
इस बीच, प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फेंस कर 6 जनवरी को प्रस्तावित अपने ट्रैक्टर मार्च को खराब मौसम के पूर्वानुमान के चलते 7 जनवरी तक के लिए टाल दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को तेज करेंगे।
स्वराज इंडिया योगेंद्र यादव ने कहा कि 7 जनवरी को सुबह 11 बजे एक्सप्रेसवे पर किसान चारों तरफ से ट्रैक्टर मार्च करेंगे। कुंडली बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर से पलवल की तरफ, रेवासन से पलवल की तरफ ट्रैक्टर मार्च होगा। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को देश जो ऐतिहासिक गणतंत्र परेड देखने वाला है उसका एक ट्रेलर 7 जनवरी को दिखाई देगा। कल से दो हफ्ते के लिए पूरे देश में देश जागरण का अभियान चलेगा।

योगेंद्र यादव ने कहा कि देश के कोने-कोने में प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं, इनको और बड़ा किया जाएगा ताकि इस झूठ का पर्दाफाश किया जा सके कि ये आंदोलन सिर्फ पंजाब, हरियाणा का है।
वहीं, क्रांतिकारी किसान संघ अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि 18 जनवरी को महिला किसान दिवस आयोजित किया जाएगा, 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर, आजाद हिंद किसान दिवस मनाया जाएगा और 25 जनवरी, 26 जनवरी को देशभर में जगह-जगह कार्यक्रम होंगे।
गौरतलब है कि सोमवार को हुई किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवें दौर की वार्ता में कोई निर्णय नहीं हो सका। वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि किसानों के साथ बातचीत बहुत ही अच्छे माहौल में हुई है और उन्हें विश्वास है कि समस्या का समाधान जल्द ही हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के समग्र हित को ध्यान में रखकर कृषि सुधार कानूनों को बनाया है और इससे यदि उन्हें कोई परेशानी हो रही है तो सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है।
तोमर ने कहा कि किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं, जबकि सरकार उन पर बिंदुवार चर्चा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि 8 जनवरी को होने वाली बैठक सार्थक होगी और वे समाधान तक पहुंचेगे। दोनों पक्षों के बीच सहमति के बाद वार्ता की अगली तिथि 8 जनवरी तय की गई है।