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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या राष्ट्रपति कोविंद बोले-लंबे समय से अपेक्षित थे किसानों के हित में नए कानून

नयी दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति कोविंद ने किसान से लेकर जवान तक को संबोधित किया और बताया कि किस तरह ये अपने देश की सेवा कर रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि 2020 में घोषित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में प्रौद्योगिकी के साथ-साथ परंपरा पर भी ज़ोर दिया गया है। इसके द्वारा एक ऐसे नए भारत की आधारशिला रखी गई है जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ज्ञान-केंद्र के रूप में उभरने की आकांक्षा रखता है।

  • हमारे सशस्त्र बलों, अर्ध-सैनिक बलों और पुलिस के जवान, प्रायः अपने परिवार-जन से दूर रहते हुए त्योहार मनाते हैं। उन सभी जवानों को मैं विशेष बधाई देता हूं।
  • प्रवासी भारतीय, हमारे देश का गौरव हैं। उनमें से कुछ लोग राजनैतिक नेतृत्व के उच्च-स्तर तक पहुंचे हैं, और अनेक लोग विज्ञान, कला, शिक्षा, समाज सेवा, और व्यापार के क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान कर रहे हैं।
  • हम सबको ‘संवैधानिक नैतिकता’ के उस पथ पर निरंतर चलते रहना है जिसका उल्लेख बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने 4 नवंबर, 1948 को, संविधान सभा के अपने भाषण में किया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि ‘संवैधानिक नैतिकता’ का अर्थ है – संविधान में निहित मूल्यों को सर्वोपरि मानना।
  • मैं आज पुनः इस बात को दोहराऊंगा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और विचारों पर मनन करना, हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। हमें हर सम्भव प्रयास करना है कि समाज का एक भी सदस्य दुखी या अभाव-ग्रस्त न रह जाए।
  • बिहार जैसी घनी आबादी वाले राज्य तथा जम्मू-कश्मीर व लद्दाख जैसे दुर्गम व चुनौती भरे क्षेत्रों में निष्पक्ष व सुरक्षित चुनाव सम्पन्न कराना हमारे लोकतन्त्र एवं चुनाव आयोग की सराहनीय उपलब्धि रही है।
  • मेरे विचार में, सन 2020 को सीख देने वाला वर्ष मानना चाहिए। पिछले वर्ष के दौरान प्रकृति ने बहुत कम समय में ही अपना स्वच्छ और निर्मल स्वरूप फिर से प्राप्त कर लिया था। ऐसा साफ-सुथरा प्राकृतिक सौंदर्य, बहुत समय के बाद देखने को मिला।
  • 2020 में घोषित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में प्रौद्योगिकी के साथ-साथ परंपरा पर भी ज़ोर दिया गया है। इसके द्वारा एक ऐसे नए भारत की आधारशिला रखी गई है जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ज्ञान-केंद्र के रूप में उभरने की आकांक्षा रखता है।
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, हम सबको ‘संवैधानिक नैतिकता’ के उस पथ पर निरंतर चलते रहना है जिसका उल्लेख बाबासाहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने 4 नवंबर, 1948 को, संविधान सभा के अपने भाषण में किया था।
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा- सीमा पर भारत ने विस्तारवाद का सामना किया, सैनिकों ने किया नाकाम।
  • किसानों के हित में नए कानून, लंबे समय से अपेक्षित थे। जिस तरह किसानों ने फूड सिक्यॉरिटी को सुनिश्चित किया, जवानों ने सीमा की सुरक्षा की।
  • जवान -50 डिग्री से लेकर +50 डिग्री तापमान में भी अपने देश की रक्षा कर रहे हैं।
  • कोरोना महामारी में कई देशों को दवा भेजने पर राष्ट्रपति ने कहा- भारत को ‘फार्मेसी ऑफ वर्ल्ड’ ठीक ही कहा जाता है।

भारत ने अपने जीवंत लोकतंत्र के साथ एक जिम्मेदार और भरोसेमंद राष्ट्र के रूप में सम्मान अर्जित किया है: राष्ट्रपति