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गुड्डू मुस्लिम के नासिक में होने का इनपुट; नासिक पहुंची यूपी एसटीएफ, डाला डेरा, रातभर चला सर्च ऑपरेशन

मुंबई: यूपी के उमेश पाल हत्याकांड में वांछित गुड्डू मुस्लिम की तलाश में यूपी एसटीएफ नासिक पहुंची हुई है. यूपी एसटीएफ को जानकारी मिली है कि गुड्डू मुस्लिम नासिक में छिपा हुआ है. एसटीएफ की टीम ने शनिवार और रविवार की मध्य रात्रि तक यहां खोजबीन की. हालांकि, गुड्डू अभी तक एसटीएफ की पहुंच से दूर है.
बीते शनिवार की रात को अतीक अहमद का भाई अशरफ ने भी पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया था. अतीक को जब गोली मारी गई उसके ठीक पहले उसके बगल में मौजूद उसका भाई अशरफ, गुड्डू मुस्लिम का ही नाम मीडिया के सामने ले रहा था. अशरफ सिर्फ इतना ही बोल पाया था​- ‘बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…तभी हमलावरों ने फायरिंग कर दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया.
उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के दौरान गुड्डू मुस्लिम ने एक के बाद एक कई बम धमाके किए थे. गुड्डू मुस्लिम को ‘बमबाज गुड्डू’ भी बोलते हैं. अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बाद से गुड्डू मुस्लिम को पकड़ने की कोशिशें तेज हो गई हैं. उमेश पाल की हत्या की खौफनाक वारदात को अंजाम देने के बाद से ही गुड्डू मुस्लिम और उसके साथी फरार हैं. असद और गुलाम को एनकाउंटर में मारने के बाद अब यूपी एसटीएफ ने गुड्डू मुस्लिम की तलाश तेज कर दी है. पुलिस ने शुक्रवार को भी गुड्डू मुस्लिम के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.
बता दें कि उमेश पाल की हत्या के 5 आरोपितों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने पहले एक आरोपित का एनकाउंटर धूमनगंज थाने में किया था. इसके बाद अतीक के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम का झांसी में एनकाउंटर किया था. वहीं अतीक और उसके भाई अशरफ की बीती रात पुलिस सुरक्षा व मीडिया के कैमरे सामने तीन युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं इस हत्याकांड में आरोपित गुड्डू मुस्लिम अभी फरार चल रहा है, जिसकी खोजबीन जारी है. बीच में जानकारी सामने आई थी कि गुड्डू मुस्लिम का भी एनकाउंटर हो गया है. हालांकि, पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया था.

प्रदेश के सभी जिलों में सीआरपीसी की धारा-144 लागू
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गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद 25 दिनों तक अतीक अहमद का बेटा असद प्रयागराज से कानपुर, कानपुर से नोएडा, नोएडा से दिल्ली, दिल्ली से अजमेर, अजमेर से नासिक, नासिक से पुणे भागता रहा और आखिर में गुरुवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया.
इस दौरान दिल्ली के संगम विहार में रहने में उसे एक नेता की मदद मिली. लेकिन यहां भी उसे सेफ महसूस नहीं हुआ तो वह 14 मार्च को अजमेर गया. इसके बाद असद को छुपाने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी के सदस्य अबू सलेम के करीबियों की मदद मिलनी शुरू हुई.
असद जब अजमेर में था तब उसे बरेली जेल से चाचा अशरफ अहमद ने फेसटाइम ऐप के जरिए संपर्क करते हुए नासिक निकल जाने को कहा. सवाल है कि अतीक अहमद का D कंपनी से कॉन्टैक्ट कैसे हुआ? अबू सलेम के करीबियों की मदद लेने में उस तक पहुंच बनाने का जरिया जो था उसका नाम अब खुल कर सामने आ रहा है.

डॉन मुख्तार अंसारी है अतीक और D कंपनी के रिश्ते के बीच की कड़ी
डी कंपनी का सदस्य डॉन अबू सलेम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है. उससे अतीक अहमद का कनेक्शन कोई चौंकाने वाली बात नहीं है. लेकिन अब इस कनेक्शन के बीच की कड़ी सामने आ गई है. जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक, पुलिस पूछताछ में अतीक अहमद ने यह बताया है कि डी गैंग से संपर्क करने में उसकी मदद डॉन मुख्तार अंसारी ने की थी.

दाऊद कनेक्शन के जरिए जुड़े पाकिस्तान से तार, मंगवाए महंगे हथियार
डॉन मुख्तार अंसारी की मदद से अतीक अहमद का दाऊद इब्राहिम गैंग से कॉन्टैक्ट होने के बाद अतीक गैंग ने पाकिस्तान से हथियार मंगवाए. असद और उसके साथ शूटर गुलाम के एनकाउंटर में कई विदेशी हथियार बरामद हुए हैं.

मोबाइल और सिमकार्ड पहुंचाने वाले सरकारी अधिकारी के नाम का खुलासा!
अतीक ने पूछताछ में यह भी खुलासा किया है कि उसे जेल में रहकर बाहर के लोगों से कॉन्टैक्ट करने में मोबाइल फोन और सिमकार्ड कैसे उपलब्ध करवाए गए? अतीक ने उस सरकारी अधिकारी का नाम भी बता दिया है जिसकी मदद से उस तक मोबाइल फोन और सिमकार्ड पहुंचाए गए. अतीक ने बताया है कि बरेली जेल में बंद उसके भाई अशरफ को शाइस्ता परवीन ने मोबाइल और सिमकार्ड पहुंचाए.

पुणे में असद को छुपाने में अबू सलेम कनेक्शन के साथ पूर्व सांसद का भी हाथ?
अब एक और नई जानकारी यह सामने आ रही है कि पुणे में असद और शूटर गुलाम को छुपाने में ना सिर्फ अबू सलेम के करीबियों की मदद मिल रही थी बल्कि माफिया अतीक ने पूर्व में सांसद रहे एक बड़े नेता से भी संपर्क किया था. अबू सलेम से अतीक के भाई अशरफ के अच्छे संबंधों की वजह से पुणे में असद को छुपने का ठिकाना मिल सका.

पुणे में असद को छुपाने वाले अबू सलेम के करीबियों की शिनाख्त और तलाश शुरू
अबू सलेम फिलहाल, मुंबई बम धमाके के मामले में जेल में है. उसका नेटवर्क अभी भी महाराष्ट्र में काफी सक्रिय है. इस मामले में अबू सालेम के पुणे में जिन करीबी लोगों ने असद को छुपने में मदद की, उनकी पहचान और तलाश शुरू है.

अतीक-अशरफ के हत्यारों के घर पहुंची पुलिस, कसारी-मसारी कब्र‍ि‍स्‍तान में दफन होंगे दोनों भाई
पैतृक कब्रिस्तान में खोदी जा रही अतीक, अशरफ की कब्रें. बेटे असद को कल यहीं दफनाया गया था.
प्रयागराज के चकिया इलाके में अतीक अहमद और अशरफ की कब्रें उनके पैतृक कसारी-मसारी कब्रिस्तान में खोदी जा रही हैं. पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अतीक के बेटे असद को कल यहां दफनाया गया था. अतीक के माता और पिता की कब्रें भी यहां मौजूद हैं.