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चीन से तनाव के बीच फ्रांस से नॉन-स्टॉप उड़ान भरकर अंबाला में लैंड हुए 3 राफेल, 5 जेट पहले ही आ चुके हैं भारत

नयी दिल्ली: चीन से बढ़ते तनाव के बीच भारत में राफेल की दूसरी खेप पहुंच चुकी है। इसके साथ ही भारत की वायु सेना की ताकत बढ़ गई है। ये राफेल लड़ाकू विमान चीन पर काल की तरह टूटेंगे। इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह राफेल फ्रांस से बिना कहीं रूके भारत पहुंचे हैं। भारतीय वायु सेना (IAF) ने जानकारी दी है कि राफेल विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से नॉन-स्टॉप उड़ान भरने के बाद आज रात 8:14 बजे भारत पहुंचा। 3 नए विमान फ्रांस के इस्ट्रेस से गुजरात के जामनगर पहुंचे। इस यात्रा के दौरान फ्रेंच एयर फोर्स का मिड एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट साथ था। इस यात्रा के लिए भारतीय वायु सेना के पायलटों को फ्रांस के सेंट दिजिएर एयरबेस में ट्रेनिंग दी गई। इन तीन नए विमानों के आने के बाद भारत के पास कुल 8 राफेल विमान हो गए हैं। इससे पहले 29 जुलाई को पांच राफेल विमान आए थे। इन्हें 10 सितंबर को अंबाला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘गोल्डन एरोज स्क्वॉड्रन’ में शामिल किया गया था।

28 जुलाई को पहुंचा था पहला बेड़ा
फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन से पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 28 जुलाई को भारत पहुंचा था। इस बेड़े ने फ्रांस से उड़ान भरने के बाद संयुक्त अरब अमीरात में हाल्ट किया था, जहां उसने ईंधन भरा था। राफेल के पहले बेड़े को जब वायुसेना में शामिल किया गया था तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे गेम चेंजर करार दिया था। उनका दावा था कि राफेल के साथ वायुसेना ने टेक्नोलॉजी के स्तर पर बढ़त हासिल कर ली है। यह नवीनतम हथियारों और सुपीरियर सेंसर से लैस लड़ाकू विमान है।

बाकी विमान कब मिलेंगे?
भारत को फ्रांस से कुल 21 राफेल विमान मिलेंगे। अगले साल अप्रैल तक भारत को ये लड़ाकू विमान मिल जाएंगे। आज 3 राफेल विमानों की लैंडिंग के साथ ये 8 हो गई है। भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए सौदा किया है। नवंबर के बाद जनवरी में फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन 3 और राफेल विमानों की डिलीवरी देगी। फिर मार्च में तीन और विमान भारत को सौंपा जाएगा। इसी तरह 2021 में भारत को फ्रांस 7 और राफेल विमानों की डिलीवरी करेगा। इस तरह से भारत को अप्रैल तक कुल 21 राफेल विमान मिल जाएंगे।