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चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: शिवसेना के चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ को किया फ्रीज!

नयी दिल्ली/महाराष्ट्र, (राजेश जायसवाल): निर्वाचन आयोग ने शिवसेना पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ को फ‍िलहाल फ्रीज करने का फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों गुटों को पार्टी के नाम ‘शिवसेना’ और उसके ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न को अगले आदेश तक इस्‍तेमाल करने पर रोक लगा दी है। यानी दोनों ही गुट (उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे) निर्वाचन आयोग के अगले आदेश तक पार्टी के नाम ‘शिवसेना’ और उसके चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ का इस्‍तेमाल नहीं कर पाएंगे।
शिंदे और ठाकरे गुट के बीच चल रही असली शिवसेना की लड़ाई के बीच चुनाव आयोग ने कड़ा फैसला लेते हुए ‘शिवसेना’ और उसके चुनाव चिह्न धनुष-बाण दोनों को फ्रीज कर दिया है। इसको लेकर चुनाव आयोग ने शनिवार रात को अंतरिम आदेश पारित किया। आयोग ने कहा कि अंधेरी पूर्व के उपचुनाव में दोनों में से किसी भी गुट को ‘धनुष-बाण’ निशान की अनुमति नहीं होगी। चुनाव आयोग ने यह फैसला होने के वाले उपचुनाव को लेकर लिया है। अब उद्धव ठाकरे या एकनाथ शिंदे दोनों में से कोई भी गुट ‘धनुष-बाण’ को लेकर चुनावी मैदान में अपना प्रत्याशी नहीं उतार सकेगा।

धनुष-बाण किसी को नहीं...
धनुष-बाण किसी को नहीं…

उपचुनाव के लिए मिलेंगे दोनों को नए सिंबल
पार्टी के भीतर चल रहे गुटबाजी पर एक अंतरिम आदेश में, चुनाव आयोग ने कहा, दोनों गुटों को ऐसे अलग-अलग प्रतीक भी आवंटित किए जाएंगे। वे वर्तमान उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचित मुक्त प्रतीकों की सूची में से इन चिन्हों को चुन सकते हैं। तदनुसार, दोनों समूहों को सोमवार 10 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। चुनाव आयोग ने कहा कि अंतरिम आदेश दोनों प्रतिद्वंद्वी समूहों को समान रूप से रखने और उनके अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए’ पारित किया गया है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र उपचुनाव में शिवसेना के दोनों गुट नए नामों का चयन कर सकते हैं। दोनों गुटों को तीन-तीन नामों का सिलेक्शन करके लेने को कहा गया है। उसके बाद आयोग उन्हें अलग-अलग सिंबल देगा, जिनमें से वे एक ‘चिन्ह’ चुन सकते हैं।

शिंदे ने किया था तीर-कमान पर दावा
शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष-बाण पर एकनाथ शिंदे गुट ने दावा किया था। शिंदे गुट ने यह निशान चुनाव में इस्तेमाल करने की इजाजत निर्वाचन आयोग से मांगी थी, इस पर आयोग ने शिवसेना के उद्वव ठाकरे गुट से जवाब मांगा था। देर शाम को चुनाव आयोग ने आदेश जारी किया कि शिंदे और उद्धव दोनों गुट को शिवसेना के तीर-कमान वाले सिंबल का प्रयोग करने पर रोक होगी।

अंतरिम आदेश में कही यह बात…
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को अपने अंतरिम आदेश में कहा कि महाराष्‍ट्र में होने जा रहे उपचुनावों में दोनों गुट नए नाम और आवंटित चुनाव चिह्न का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि अंधेरी पूर्व उपचुनाव में दोनों गुटों में से किसी को भी पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और उसके चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ का इस्‍तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। दोनों गुटों को मौजूदा उप-चुनावों में उसकी ओर से अधिसूचित प्रतीकों की सूची में से ऐसे सिम्‍बल्‍स का आवंटन भी किया जाएगा जिसे वे चुन सकते हैं।
कुल मिलाकर, निर्वाचन आयोग के इस फैसले से साफ है कि शिवसेना पर काबिज होने को लेकर शिंदे और उद्धव गुट के बीच लड़ाई लंबी खिंचती नजर आ रही है।

‘लोक जनशक्ति पार्टी’ के मामले में सुना चुका है ऐसा फैसला
बता दें कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में मुंबई के अंधेरी पूर्व विधानसभा के लिए उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इस विधानसभा सीट के लिए 7 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 14 अक्टूबर तक चलेगी। 3 नवंबर को इस विधानसभा सीट के लिए चुनाव होने हैं। दोनों ही गुट इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं। सनद रहे कि ‘लोक जनशक्ति पार्टी’ के भीतर भी ऐसा ही विवाद सामने आया था जिसको लेकर निर्वाचन आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह जब्त कर लिया था। बाद में दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था।

गौरतलब है कि शिवसेना में दो-फाड़ होने के बाद से ही शिंदे गुट और ठाकरे गुट के बीच पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर लड़ाई चल रही है। शिंदे गुट का कहना है वह ‘असली शिवसेना’ हैं। वहीं ठाकरे गुट कहता है कि एकनाथ शिंदे गुट तो स्वेच्छा से पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। ऐसे में वह पार्टी के नाम और चुनाव निशान को लेकर कैसे दावा कर सकते हैं?