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…तो अब बिल्डरों को देना होगा तीन साल का अडवांस किराया

महाराष्ट्र विधान भवन

मुंबई, एसआरए के तहत विकास करने वाले बिल्डर को अब तीन साल का किराया झोपड़ाधारकों को अडवांस में देना होगा। मुंबई की उपकर प्राप्त (सेस) इमारतों की बड़ी अड़चनों को दूर करने का आश्वासन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में दिया। उन्होंने कहा कि यदि जर्जर इमारत का मालिक पुनर्वास के लिए आगे नहीं आता है, तो उसे हटाकर म्हाडा की तरफ से विकास करने के लिए दे दिया जाएगा। यह बात विधानसभा में चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन के लिए एक समान विकास नियमावली (कॉमन डीसीआर) का काम अंतिम स्टेज पर है। मुंबई और राज्य का इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए एमएमआरडीए, सिडको, एमआईडीसी और एमएसआरडीसी को मामूली ब्याज पर कर्ज मुहैया कराएंगे। नवी मुंबई के करीब बसाई जाने वाली तीसरी मुंबई (नैना) की मंजूरी दे दी गई और अब यह दूसरे चरण में है। इन सब योजनाओं से मुंबई महानगर क्षेत्र की पूरी तस्वीर बदल जाएगी।

पुरानी इमारतों का मुद्दा भी गूंजा…
मुंबई की विविध समस्याओं को शिवसेना के सुनील प्रभू, बीजेपी के राज के. पुरोहित, मंगत प्रभात लोढा, पराग अलवणी, अमित साटम, शिवसेना के सुनील शिंदे सहित तमाम सदस्यों ने सदन में रखा। राज के. पुरोहित, मंगल प्रभात लोढा और अन्य सदस्यों ने मुंबई की जर्जर हो चुकी इमारतों को उठाया। राज पुरोहित ने पगडी सिस्टम की इमारतों में रहने वाले किराएदारों की समस्याएं रखीं।
उन्होंने मांग की कि इन मालिकों का अधिकार खत्म किया जाए, तभी पुरानी इमारतों का विकास किया जा सकेगा। इन्होंने मांग की कि शहर की हजारों पुरानी इमारतों के पुनर्विकास के लिए तत्काल मॉडल अग्रीमेंट ड्राफ्ट लागू किया जाए, ताकि विकासकों की तरफ से लाखों किराएदारों के साथ की जा रही धोखाधड़ी बंद हो सके। रीडिवेलपमेंट के नाम पर जिस पुरानी इमारत को खाली कराने के बावजूद दो साल तक उसका पुनर्निर्माण नहीं किया जाता है, उसे म्हाडा को सौंपकर उसका विकास कराया जाए। सरकार के इस कदम से मुंबई के लाखों लोगों को राहत मिलेगी। दूसरे अन्य सदस्यों ने मुंबई की मेट्रो, मोनो सहित अन्य समस्याएं रखी।

बीडीडी चॉल का सर्वे पूरा…
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सदस्यों के उठाए सवालों पर सरकार गंभीर है। बीडीडी चॉल के रीडिवेलपमेंट के सर्वे का काम लगभग पूरा होने के कगार पर है। यह एशिया की सबसे बड़ा हॉउजिंग प्रॉजेक्ट है। उन्होंने कहा म्हाडा की 56 कॉलोनियों में से 125 प्रस्ताव लाए गए हैं। करीब 80 प्रॉजेक्ट को मंजूर करने के लिए फास्ट ट्रैक पर लाया गया है।

कोस्टल रोड से कोलावाडा बेअसर…
मुख्यमंत्री ने पूरे विश्वास के साथ कहा कि मुंबई की बहुचर्चित परियोजना कोस्टल रोड से एक भी कोलीवाडा पर असर नहीं होगा। दादर की चैत्यभूमि पर बनाए जाने वाले डॉ बाबा साहेब आंबेडकर स्मारक का काम सन 2020 में पूरा कर लिया जाएगा। मुंबई की पानी समस्या पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दमणगंगा-पिंजाल परियोजना पर सरकार का पूरा ध्यान है। मुंबई रीजन में 403 एमएलडी पानी आपूर्ति का लक्ष्य हासिल करेंगे।

बनेगा पुल और कॉरिडोर…
एक घंटे से ज्यादा के अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने विरार-अलीबाग मॉडल कॉरीडोर को बेहद महत्वपूर्ण परियोजना बताते हुए कहा कि इससे एमएमआर रीजन की अगले 20 साल की ग्रोथ होगी। इस परियोजना ने विरार-अलीबाग के बीच की दूरी आधे समय में पूरी हो जाएगी। यह विरार, भिवंडी, कल्याण, डोंबिवली, पनवेल, उरण और तलोज को जोड़ेगा। भाईंदर-वसई खाड़ी पुल के लिए सभी अनुमति लेकर टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है। इस परियोजना पर 1,181 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना के बनने से पश्चिम में भायंदर से वसई-विरार के बीच सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा। पहले मुंबई महानगर क्षेत्रीय प्राधिकरण का दायरा 3,965 वर्ग किलोमीटर था जिसका दायरा बढ़ाकर 4,355 वर्ग किया गया है।

एक लाख 16 हजार करोड़ का मेट्रो…
मुंबई व एमएमआर क्षेत्र में करीब एक लाख 16 हजार करोड़ रुपये का काम चल रहा है। तीन साल में 220 किलोमीटर मेट्रो कॉरीडोर के काम की शुरुआत की है। कुलाबा-सीप्ज भूमिगत मेट्रो का काम 40 फीसदी पूरा हो चुका है। टनल का काम 50 फीसदी पूरा हो चुका है। 2022 तक यह मेट्रो दौड़ने लगेगी। दहिसर-डीएन नगर मेट्रो का काम 65 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दहिसर पूर्व-अंधेरी पूर्व का काम 68 फीसदी पूरा हो चुका है। दहिसर-मीरा रोड मेट्रो के लिए निविदा प्रक्रिया शुरु कर इसका काम आगे बढ़ाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि पहली मेट्रो (घाटकोपर से वर्सोवा)की सभी मंजूरी हासिल करने में पांच साल लगे, जबकि हमने 11 माह में सभी मंजूरी हासिल कर ली।