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देवरिया हत्याकांड: अखिलेश यादव बोले- भाजपा कर रही जाति के नाम पर राजनीति

देवरिया: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को देवरिया जिले के रुद्रपुर क्षेत्र के फतेहपुर गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भाजपा की नीयत साफ दिखाई दे रही है, यह लोग देश को बर्बाद करना चाहते हैं। यही हाल रहा तो लोग अपना वोट नहीं डाल पाएंगे। जिस तरह से यह घटना हुई है। उत्तर प्रदेश में कहीं और नहीं दिखी, घटना के प्रति आम जनमानस में आक्रोश है।

पूर्व सीएम व सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि शासन और न्याय के लिहाज से यह बहुत ही महत्वपूर्ण है और जिस तरह की यह घटना हुई है, हम सभी लोग मिलकर इसकी निंदा करते हैं। ऐसी दर्दनाक घटना पूरे यूपी में कभी देखने को नहीं मिली।

बुलडोजर चलाने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि ‘बुलडोजर’ जनता नहीं चलाने देगी। प्रेमचंद के घर पर अगर सरकार ‘बुलडोजर’ चलाती है तो जिस तरह से सरकार अपनी जमीनों पर बने भवनों का मुआवजा लेती है, वैसे ही यहां अभी मुआवजे की व्यवस्था करे। सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति की बात करती है और यहां एक नहीं दो-दो परिवारों के लोगों की जान चली गई। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण व दु:खद है।

सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि विकास दुबे की गाड़ी पलटी थी, वह भी ब्राह्मण थे। उनके परिवार को क्यों नहीं गले लगाया? इस घटना में शामिल छोटे-छोटे 20 कर्मचारियों पर प्रशासन ने कार्रवाई कर दी। लेकिन, बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, क्यों? निर्दोष लोगों को पुलिस ने घटना में फंसाया है।

उन्होंने कहा कि प्रेम यादव को घर बुलाना, उसके बाद किसी धारदार हथियार से जान ले लेना। उसके बाद आसपास के क्षेत्र में यह बात फैल जाना कि उनकी हत्या हो गई और उसके बाद यह घटना हुई। मैं घटनास्थल पर गया हूं और देखा हूं। उस परिवार के रहने का मैं घर देखकर आया हूं, वो घर और यह घर जहां प्रेम का घर है, दोनों दूर है। आखिर किन परिस्थितियों में उन्हें वहां जाना पड़ा? क्या वजह थी कि वह सुबह-सुबह वहां पहुंच गए?

बता दें कि अखिलेश यादव देवरिया के फतेहपुर गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड में पहले सत्यप्रकाश दुबे के घर गए। वहां उन्होंने पहले नरसंहार में मारे गए दुबे परिवार के पांचों मृतकों के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह घर के अंदर पहुंचे और वहां बिखरे सामान आदि को देखकर वह हैरान रह गए।

इसके बाद वह पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के घर पहुंचे। वहां मृतक पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके दौरान प्रेम की पत्नी शीला और दो बेटियों मौजूद रहीं। परिवार के सदस्यों की मांग पर घटना की सीबीआई से जांच करने का आश्वासन दिया। इस बीच प्रेमचंद यादव की पत्नी प्रेमशीला बिलखने लगी तो अखिलेश ने उन्हे ढांढस बंधाया। बच्चों को सहायता देने के साथ ही पढ़ाने का भी आश्वासन दिया। बेटी अलका ने अखिलेश का पैर छुए तो उन्होंने रोकते हुए आशीर्वाद दिया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्व. प्रेमचंद यादव के घर में करीब 30 मिनट तक रहे।

अखिलेश यादव ने कहा कि मैं दुबे परिवार से भी मिलना चाहता था, लेकिन वह नहीं मिलना चाह रहे हैं तो उनकी मर्जी। मैं अपना काम किया। भाजपा से जाति रंग दे रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि मैं दुबे परिवार से भी मिलना चाहता था, लेकिन वह नहीं मिलना चाह रहे हैं तो उनकी मर्जी। मैं अपना काम किया। भाजपा जाति से रंग दे रही है।

गौरतलब है कि देवरिया जिले में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) के दिन जमीन के विवाद में छह लोगों की हत्या हो गई थी।