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नहीं रहे स्वामी अग्निवेश, 81 साल की उम्र में हुआ निधन!

नयी दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में शुक्रवार शाम को अंतिम सांस ली। स्वामी अग्निवेश को सोमवार को नई दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज (ILBS) में भर्ती कराया गया था। ILBS ने स्वामी अग्निवेश के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, स्वामी अग्निवेश को शुक्रवार शाम 6 बजे कार्डियक अरेस्ट हुआ। उन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की गई, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। उन्होंने शाम 6.30 बजे अंतिम सांस ली

मल्टि ऑर्गन फेल्योर के कारण गंभीर हुई थी हालत
स्वामी अग्निवेश, लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे उनके कई प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया तो मंगलवार से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों की एक टीम उनकी हालत पर पैनी नजर रख रही थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

स्वामी अग्निवेश के फेसबुक पेज पर दी गई जानकारी में बताया गया कि आर्य समाज के क्रांतिकारी नेता स्वामी अग्निवेश का आज निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनार्थ 7 जंतर-मंतर रोड, नई दिल्ली के कार्यालय पर शनिवार सुबह 11 से 2 बजे तक रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार वैदिक रीति से अग्निलोक आश्रम, बहलपा जिला गुरुग्राम में 4 बजे किया जाएगा।

स्वामी अग्निवेश की शख्सियत का प्रभाव यूं तो आध्यात्म से लेकर राजनीति और सामाजिक कार्यों तक था, मगर उन्होंने ज्यादा सुर्खियां अपने विवादित बयानों को लेकर ही बटोरीं। अमरनाथ को लेकर दिए उनके बयान पर तो देशभर में भयंकर बवाल मचा और जगह-जगह उनके पुतले भी जलाए गए।
साल 2011 की गर्मी में बाबा बर्फानी को लेकर दिए उनके बयान ने देशभर का तापमान बढ़ा दिया था। स्वामी अग्निवेश ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से हर साल बनने वाला शिवलिंग महज एक बर्फ का पुतला है। हजारों फीट ऊंचे पहाड़ पर प्राकृतिक तरीके से एक जगह बर्फ जम जाती है, जिसे हिंदू साधु-संत भगवान बताते हैं और अपनी दुकानदारी चमकाते हैं। उन्होंने कहा कि अमरनाथ गुफा में जिस तरह बर्फ जमती है, उसे भूगोल की भाषा में ‘स्टेलेक्टाइट’ कहते हैं।
उनके इस बयान पर बहुत बवाल हुआ। देशभर में हिंदू संगठनों ने उनका पुतला जलाया। हिंदू महासभा ने तो उनका सिर कलम करने पर 5 लाख रुपये का इनाम तक रख दिया था। उनके इस बयान को लेकर देश के कई हिस्सों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुईं।

सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई फटकार, कहा- बोलने से पहले तोलना चाहिए
हरियाणा के हिसार में दर्ज एक एफआईआर को रद्द कराने के लिए स्वामी अग्निवेश सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो कोर्ट ने भी उन्हें जमकर फटकार लगाई। 8 नवंबर 2011 को स्वामी अग्निवेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन जज एच.एल. दत्तू और सी.के. प्रसाद की बेंच ने कहा कि उन्हें बोलने से पहले अपने शब्दों को तोलना चाहिए। अगर वे ऐसा करें तो कई बार उनके बयानों से लोगों की भावनाएं नहीं आहत होंगी। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में लोगों को अपने बयानों को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

हरियाणा के शिक्षा मंत्री रह चुके थे स्वामी अग्निवेश
21 सितंबर, 1939 को जन्मे स्वामी अग्निवेश सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते थे। 1970 में आर्य सभा नाम की राजनीतिक पार्टी बनाई थी। 1977 में वह हरियाणा विधानसभा में विधायक चुने गए और हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे। 1981 में उन्होंने ‘बंधुआ मुक्ति मोर्चा’ नाम के संगठन की स्थापना की।

अन्ना हजारे के आंदोलन से लेकर बिग बॉस के घर तक का सफर
स्वामी अग्निवेश ने 2011 में वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे की अगुवाई वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। हालांकि, बाद में मतभेदों के चलते वह इस आंदोलन से दूर हो गए थे। स्वामी अग्निवेश ने रियलिटी शो बिग बॉस में भी हिस्सा लिया था। वह 8 से 11 नवंबर के दौरान तीन दिन के लिए बिग बॉस के घर में भी रहे।

राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वामी अग्निवेश को दी गई श्रद्धांजलि में उन्हें आर्य समाज के क्रांतिकारी नेता बताया है। उन्होंने अग्निवेश की तस्वीर के साथ अपना वक्तव्य ट्वीट किया।