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नाविकों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, मर्चेंट नेवी को कोरोना वैक्सीन के लिए मिले प्राथमिकता

मुंबई: भारतीय मर्चेट नेवी नाविकों के सबसे बड़े संगठन ने मांग की है कि सभी समुद्री नाविकों को बहुप्रतीक्षित कोविड-19 वैक्सीन ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ पर दी जाए, क्योंकि उन्होंने महामारी के दौरान 10 महीने के राष्ट्रव्यापी बंद के समय आर्थिक इंजनों को चालू रखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में नेशनल यूनियन ऑफ सीफर्स ऑफ इंडिया (एनयूएसआई) ने कहा है कि महामारी के दौरान जब दुनिया में जमीन पर सड़कें बंद थीं, यहां तक कि वैश्विक आसमान भी निष्क्रिय था, क्योंकि सभी गैर-जरूरी उड़ानें भी बंद हो चुकी थीं, तब व्यापारिक नौसेना (मर्चेट नेवी) के जहाज ही लगातार काम कर रहे थे और उस कठिन समय के दौरान भी नाविकों ने समुद्र में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।
एनयूएसआई महासचिव अब्दुलगानी वाई. सेरांग ने आईएएनएस से कहा, उस कठिन समय में, दुनिया में केवल व्यापारिक नौसेना (मर्चेंट नेवी) के जहाज चल रहे थे, सक्रिय थे और उन्होंने बिना रुके काम किया था। उन्होंने खाद्यान्न से लेकर ईंधन तक सभी आवश्यक वस्तुओं के थोक भार (बल्क लोड) का परिवहन करके मानवता के लिए एक सेवा प्रदान की। उन्होंने बताया कि भारतीय मर्चेट नेवी के समुद्री नाविकों के समर्पण और जुनून ने यह सुनिश्चित किया कि समुद्री मार्गो के माध्यम से राष्ट्र की आर्थिक जीवनरेखा हमेशा खुली रहे और दुनिया भर में स्वास्थ्य संकट के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचे।

एनयूएसआई के प्रवक्ता सुनील नायर ने कहा, हमारे पास वर्तमान में दुनिया भर के सभी समुद्रों और महासागरों में लगभग 2.40 लाख समुद्री नाविक हैं। इनमें से लगभग एक-तिहाई भारतीय-ध्वजवाहक जहाजों पर हैं और बाकी विदेशी जहाजों पर हैं, लेकिन उन्होंने देश की जरूरत के समय में समान उत्साह के साथ प्रदर्शन किया।
सेरांग ने कहा कि आवश्यक सेवाओं के रखरखाव अधिनियम, 1968 के तहत देश की अर्थव्यवस्था में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए सरकार की ओर से एक आवश्यक सेवा के रूप में समुद्री सेवाओं को शामिल किया गया है।
सेरांग ने कहा, हम जो महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, उसे देखते हुए, एनयूएसआई चाहता है कि कोविड-19 वैक्सीन देने के लिए सभी समुद्री नाविकों को सरकार की ‘प्राथमिकता सूची’ में शामिल किया जाए। इसके साथ ही हम राष्ट्र के लिए एक सेवा के रूप में सभी एनयूएसआई सदस्यों के लिए वैक्सीन की पूरी लागत वहन करने के लिए भी तैयार हैं।