दिल्लीबिहारब्रेकिंग न्यूज़ पंचतत्व में विलीन हुए शरद यादव, बेटे-बेटी ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर पिता शरद यादव को दी मुखाग्नि; पूरा गांव रोया 14th January 2023 Network Mahanagar 🔊 Listen to this भोपाल ( मध्य प्रदेश): पूर्व केंद्रीय मंत्री और JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव आज (14 जनवरी) शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव एमपी के नर्मदापुरम जिले के आंखमऊ गांव में किया गया। इस दौरान उनके बेटे शांतनु और बेटी सुभाषिनी ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान अपने चहेते नेता को आखिरी बार देखने के लिए और श्रद्धांजलि अर्पित करने भारी संख्या में जन सैलाब भी उमड़ पड़ा। बता दें कि शरद यादव का 75 वर्ष की उम्र में गुरुवार रात दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। दरअसल, शरद यादव की पार्थिव शरीर को आज करीब 12:30 बजे चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए राजाभोज एयरपोर्ट भोपाल लाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे। इससे पहले पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। भोपाल एयरपोर्ट से शरद यादव के पार्थिव शरीर को दोपहर 3 बजे उनके पैतृक गांव आंखमऊ लाया गया। जैसे ही गांव के लोगों को इस बारे में पता चला तो हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा। अपने चहेते नेता की शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। हर किसी की आंखों में आंसू थे। सबसे पहले तो ग्रामीणों ने गांव के लोगों ने पार्थिव देह को प्रणाम करते हुए पुष्प अर्पित किए। इसके बाद यात्रा मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई। शाम करीब 5 बजे पार्थिव देह अंतिम संस्कार स्थल तक पहुंची। जहां पुत्र शांतनु और पुत्री सुभाषिनी ने 5:10 पर अपने पिता की पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भोपाल से अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शरद यादव के पैतृक गांव पहुंचे। वह न सिर्फ अंतिम संस्कार में शामिल हुए, बल्कि पार्थिव देह की परिक्रमा भी की। उनके साथ केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल समेत कई अन्य राजनेता भी शामिल हुए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे अचानक चले गए। मेरे तो वे पड़ोसी थे। मेरा गांव नर्मदा के इस पार था, उनका गांव नर्मदा के उस पार था। वे बचपन से प्रखर और जुझारू थे। वे अचानक चले गए। अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले शरद भाई छात्र जीवन में ही राष्ट्रीय राजनीति में छा गए थे। वे जेपी के आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे। वे जेल में रहते हुए चुनाव जीते। भारत की राजनीति पर छा गए। उन्होंने 80-90 के दशक में राष्ट्रीय राजनीति की दशा बदली। मंडल कमीशन लागू कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी शनिवार को मध्य प्रदेश के आंखमऊ गांव पहुंचे। यहां समाजवादी नेता दिवंगत शरद यादव की अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें अंतिम विदाई दी। मुकेश सहनी ने शरद यादव के साथ काम करने के दौर को याद करते हुए कहा कि उनके बताए गए संघर्ष के रास्ते पर आज भी उनकी पार्टी चल रही है और आगे भी चलेगी। अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद मुकेश सहनी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि दिवंगत नेता राजनीति की पुस्तक थे। उनके द्वारा पढ़ाया गया पाठ राजनीति के क्षेत्र में हर कदम पर मार्गदर्शन करता है। Post Views: 174