पालघरब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य पालघर ‘मॉब लिंचिंग’ की महाराष्ट्र सरकार ने दी उच्च स्तरीय जांच के आदेश 20th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर जिले में हुई मॉब लिंचिंग संतों की नाराजगी और भाजपा के आक्रामक रुख के बाद उद्धव सरकार ने रविवार रात घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। दूसरी तरफ घटना का एक नया वीडियो सोशल मीडिया में सामने आया है, जिसमें हमलावर ग्रामीण मॉब लिंचिंग का शिकार हुए लोगों की कार को लाठियों, पत्थरों और दूसरी चीजों से क्षतिग्रस्त करते हुए दिखाई दे रहे हैं।राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने देर रात उच्च स्तरीय जांच कराने की घोषणा के साथ ही मामले को सांप्रदायिक रंग देने वालों को चेतावनी भी दी। गृहमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया है कि घटना में शामिल 101 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस उन लोगों पर भी नजर रख रही है जो घटना को लेकर समाज में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि आरोपितों को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पालघर की घटना को लेकर संत समाज में रोष व्याप्त है, जबकि भाजपा ने इसकी जांच की मांग करते हुए पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है। महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर इस घटना को सभ्य समाज पर कलंक बताया है। विश्वेश्वरानंद गिरि ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री को सीधा जवाब देना चाहिए कि यह घटना क्यों हुई? यदि अन्य किसी धर्म विशेष या व्यक्ति के साथ यह घटना होती, क्या तो भी मानवाधिकारवादी एवं मीडिया के लोग चुप बैठते?महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी रोष व्यक्त करते हुए इसके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। फड़नवीस ने कहा कि यह घटना स्तब्ध कर देने वाली है। इसके पीडि़तों में जूना अखाड़े के दो संत शामिल हैं। भाजपा के महासचिव अमरजीत मिश्रा ने कहा कि जब यह हमला हो रहा था तब पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी ने भी सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर इस घटना की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों को कड़ी सजा व कार्यवाई की मांग की है। पालघर के जिलाधिकारी कैलाश शिंदे के अनुसार मुंबई के कांदीवली स्थित एक आश्रम में रहने वाले सुशील गिरि अपने दो साथियों के साथ किराए के वाहन से किसी संत के अंतिम संस्कार में भाग लेने सूरत जा रहे थे। गाड़ी महाराष्ट्र के अंदरूनी हिस्से से होकर गुजर रही थी। उनके वाहन को वन विभाग के एक संतरी ने महाराष्ट्र एवं केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली की सीमा पर स्थित गढ़चिचले गांव के पास रोका। क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से रात में फसल काटने एवं बच्चा चुराने वाला गिरोह सक्रिय होने की अफवाह फैली हुई थी।बुधवार की रात करीब 10 बजे सूरत जा रहे सुशील गिरि वन विभाग के संतरी से बात कर ही रहे थे, तभी गांव का एक दल आ गया। इसमें शामिल लोगों ने कुछ देर बाद ही गाड़ी में मौजूद लोगों की पिटाई शुरू कर दी। संतरी ने घटना की सूचना 35 किलोमीटर दूर स्थित कासा पुलिस थाने को दी। पुलिस के पहुंचने तक ग्रामीण गाड़ी में मौजूद तीनों लोगों की बुरी तरह पिटाई कर चुके थे। इस घटना के समय कुछ लोग इसका वीडियो भी बना रहे थे।पुलिस की टीम ने वहां पहुंचकर पिट रहे तीनों लोगों को अपने वाहन में बैठाया। लेकिन करीब 400 ग्रामीणों ने उन तीन यात्रियों सहित पुलिस टीम पर भी हमला बोल दिया और पुलिस की गाड़ी में ही सुशील गिरि और उनके दो साथियों की जान ले ली। इस हमले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पालघर ला घडलेली घटना अतिशय दुर्दैवी आहे. या प्रकरणात 101 जणांना अटक केली असून, या प्रकरणाची उच्चस्तरीय चौकशी चालू आहे. संपूर्ण देश कोरोनाशी लढत असतांना या घटनेला वेगळे वळण देण्याचा प्रयत्न काही राजकीय नेते करत आहेत, ते योग्य नाही.#LawAndOrderAboveAll#WarAgainstVirus pic.twitter.com/SriMihnTXr— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 20, 2020 पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने २ साधुओं, १ ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 19, 2020 बता दें कि जूना अखाड़े के दो साधुओं की निर्मम हत्या पर उद्धव सरकार ऐक्शन में आ गई है। पुलिस ने साधुओं की हत्या के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस बात की जानकारी महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने दी। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिला था।महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया, पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने 2 साधुओं, एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा। Post Views: 243