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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला: कल्याण सिंह बोले- मैंने अयोध्या की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे; राजनीतिक दुश्मनी के कारण कांग्रेस ने मुझे फंसाया!

लखनऊ: 28 सालों से लंबित बाबरी मस्जिद विध्वंस में आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह सोमवार को लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। कल्याण सिंह ने सीआरपीसी की धारा 313 के तहत अपना बयान दर्ज कराया। करीब चार बयान दर्ज कराने के बाद कोर्ट से बाहर आए कल्याण सिंह ने कहा कि, उस समय प्रदेश का मैं मुख्यमंत्री था। कानून व्यवस्था को लेकर जो मेरी जिम्मेदारी थी मैंने उसका पूरी तरह से पालन किया।

कल्याण सिंह ने कहा कि, अयोध्या की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था। तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को लगाया गया था और सरकार सजग थी। कहीं भी मेरी तरफ से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है। तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इस प्रकरण में राजनीतिक दुश्मनी के चलते मुझे फंसाया।

31 अगस्त तक सुनवाई पूरी करना है
इस केस की सुनवाई अब अंतिम दौर में है। मामले में कुल 32 अभियुक्तों में से 22 से ज्यादा की गवाही को चुकी है। सभी गवाहों के बयान के बाद अभियुक्तों को अपनी सफाई पेश करने का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद सीबीआई और अभियुक्तों के वकीलों के बीच बहस होगी। उसके बाद अदालत अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को विशेष अदालत को 31 अगस्त तक केस की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था। साल 1992 में राम जन्मभूमि थाने में बाबरी विध्वंस केस में केस दर्ज हुआ था।

आडवाणी समेत 13 नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने अयोध्या में बाबरी में विवादित मस्जिद के ढांचे को गिरा दिया था। इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, अशोक सिंघल, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा सहित अन्य नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट आरोप मुक्त कर चुकी है
इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से आरोपियों को आरोप मुक्त किया जा चुका है। इस फैसले के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 2017 में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सीबीआई की विशेष अदालत को फिर से सुनवाई करने का आदेश दे दिया था। कोर्ट ने मामले में दो साल में दिन-प्रतिदिन सुनवाई कर ट्रायल को समाप्त करने का आदेश दिया था और कहा था कि विशेष जज का ट्रांसफर नहीं होगा। पीठ ने कहा था कि एक आरोपी कल्याण सिंह को राजस्थान के राज्यपाल होने के नाते संवैधानिक प्रतिरक्षा प्राप्त है, लेकिन जैसे ही वह पद त्यागते हैं तो उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोप दायर किए जाएंगे। अब उनके खिलाफ भी ट्रायल चल रहा है।