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बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो हिंदुओं को भी नमाज पढ़ना पड़ता : ठाकरे

मुंबई , शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट के शिवाजी स्मारक के निर्माण पर रोक लगाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए विवादित बयान दिया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि अगर बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो हिंदुओं को भी नमाज पढ़नी पड़ती। अरब सागर में शिवाजी स्मारक निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। शिवसेना ने पूछा कि महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने में असफल क्यों रही?
शिवसेना ने कहा, कुछ लोग पूछते हैं छत्रपति शिवाजी और बालासाहेब ठाकरे के स्मारक का क्या इस्तेमाल है? छत्रपति शिवाजी महाराज नहीं होते तो पाकिस्तान की सीमा तुम्हारी दहलीज तक आ गई होती और बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो हिंदुओं को भी नमाज पढ़ना पड़ता। पार्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर शिवाजी स्मारक का निर्माण रोक दिया है। यह बार-बार हो रहा है जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सरकार स्मारक बनाने को लेकर गंभीर है?

महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के सहयोगी दल शिवसेना ने कहा कि गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे बिना किसी पर्यावरणीय या तकनीकी मुद्दे के सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का सफलतापूर्वक निर्माण किया गया। शिवसेना ने कहा कि सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया और इसी तरह तीन तलाक का मुद्दा हल किया जबकि अयोध्या में राम मंदिर और मुंबई में शिवाजी स्मारक के निर्माण का मुद्दा अब भी अनसुलझा है।

‘सामना’ में संपादकीय में शिवसेना ने सवाल किया, क्या अदालत स्मारक के निर्माण के बीच आ रही है या यह कोई और है जो नहीं चाहता कि यह बने तथा वह न्यायपालिका को ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है? शिवसेना ने कहा कि यह परियोजना 3600 करोड़ रुपये की है लेकिन सरकार शुरुआत से ही इसे लेकर गंभीर नहीं थी।