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बिहार: किशनगंज थानेदार का शव देखते ही मां ने भी त्यागे प्राण! शहीद को भीड़ में छोड़कर भागने वाले सात पुलिसकर्मी निलंबित

किशनगंज: बिहार के किशनगंज टाउन थानेदार अश्विनी कुमार की वीभत्स मॉब लिंचिंग के बाद उनके घर में फिर से मातम पसर गया है। बेटे की हत्या के सदमे में उनकी मां ने भी शरीर छोड़ दिए। बताया जा रहा है कि वो बेटे की हत्या का गम बर्दाश्त नहीं कर पाईं।

शहीद बेटे का शव देखते ही मां ने त्याग दिए प्राण
पश्चिम बंगाल में मॉब लिन्चिंग का शिकार हुए किशनगंज टाउन थानेदार अश्विनी कुमार का पार्थिव शरीर जब उनके घर पहुंचा तो उनकी मां इस दुख को बर्दाश्त नहीं कर पाईं। बेटे का शव देखते ही मां ने भी अपने प्राण त्याग दिए। इसके बाद पूरे इलाके का माहौल गमगीन हो गया। एक साथ शहीद थानेदार अश्विनी कुमार के घर से दो अर्थियां उठीं!
किशनगंज के टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की हत्या से परिजनों में जबरदस्त आक्रोश है। परिजनों का आरोप है कि साजिश के तहत थानेदार की हत्या की गई। उनका कहना है कि थानाध्यक्ष के साथ गए पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल अगर वहां मौजूद रहकर एक भी गोली चला देते तो शायद भीड़ के चंगुल से अश्विनी कुमार की जान बच जाती।

थानेदार को छोड़कर भागने वाले 7 पुलिसकर्मी निलंबित
मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार सहित सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। आईजी के निर्देश पर एसपी ने कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि जब पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में भीड़ ने थानेदार अश्विनी कुमार को घेरा तो ये पुलिसकर्मी वहां से हट गए।

दारोगा की हत्या के आरोपी मां-बेटे गिरफ्तार
शहीद थानेदार अश्विनी कुमार की हत्या के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों में फिरोज आलम, उसका भाई अबुजार आलम और इनकी मां सहीनुर खातुन शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, फिरोज इस घटना का मुख्य आरोपी है। किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के पंथापड़ा में तहकीकात के सिलसिले में दलबल के साथ गए इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। इस दौरान मॉब लिन्चिंग कर उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, इस मामले में नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। इसमें संलिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूर्णिया के आईजी और किशनगंज के एसपी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। वहीं डीजीपी एसके सिंघल ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से इस मामले में बात की।
बंगाल के डीजीपी ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, शहीद इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार के परिजनों को अनुग्रह अनुदान, सेवांत लाभ और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने के लिए कार्रवाई की जा रही है। बिहार पुलिस ने शहीद इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।

ऐसे हुई थानेदार की शहादत
बंगाल के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी मामले में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर भीड़ के हमले में किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना शनिवार की सुबह 3 बजे की है। शहीद थानेदार पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के जानकीनगर थाना अंतर्गत पांचू मंडल टोला के रहने वाले थे। अश्विनी कुमार 94 बैच के दारोगा थे। बाद में उनका इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन हुआ था।
इधर इस्लामपुर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस लाइन लाया गया। जहां पुलिस लाइन में आईजी सुरेश चौधरी, डीएम डाक्टर आदित्य प्रकाश, एसपी कुमार आशीष ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जिसके बाद शहीद दारोगा के शव को पुलिस के साथ पैतृक गांव भेज दिया गया।