बिहारब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर बिहार में निर्माणाधीन पुल गिरने के बाद, रवि राजा ने की SP Singla constructions को बैन करने की मांग 7th June 2023 Network Mahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, (राजेश जायसवाल): बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहे पुल का एक हिस्सा ताश के पत्तों की तरह ढह गया था. एक साल में ये दूसरा मौका है जब इस पुल का हिस्सा टूटा है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व नगरसेवक और बीएमसी में विपक्ष के नेता रहे रवि राजा ने इस पुल को बनाने वाले ठेकेदार की कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. रवि राजा का कहना है इसी कंपनी के पास गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड पर फ्लाईओवर और एलिवेटेड ब्रिज का काम है जिसे बीएमसी ने दिया है. उन्होंने बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखकर मांग की है कि पुल बनाने वाली ‘SP Singla Constructions Pvt Ltd’ कंपनी को ब्लैकलिस्ट करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक पूरे हुए काम की ऑडिट जांच करनी चाहिए. रवि राजा ने बताया कि एस पी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी को गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड का काम देने के प्रस्ताव को दिसंबर 2021 में मंजूरी दी गई थी और जनवरी 2022 में वर्क ऑर्डर दिया गया था. बिहार जैसी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवि राजा ने आगे कहा कि ये मुंबई के लिए एक नई कंपनी है और उसे काम दिया गया था. जो काम हो रहा है वह ठीक से नहीं हो पा रहा है. साल में सिर्फ 20 फीसदी काम ही पूरा हो पाता है. दुनिया ने देखा कि बिहार में कैसे इस कंपनी का पुल ताश के पत्तों की तरह ढह गया. इसलिए हमने तुरंत पत्र लिखकर बीएमसी आयुक्त से पुनर्विचार की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर यहां भी ऐसी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? जब किसी कंपनी को दूसरे राज्य में ब्लैकलिस्ट किया जाता है, तो उसे इस राज्य में भी ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए. उन्होंने मांग की है कि आयुक्त इसे लेकर गंभीरता से संज्ञान ले और इस कंपनी को दिया गया काम निरस्त कर दूसरा टेंडर जारी करें. ये करीब 800 करोड़ रुपये का काम है, इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है. बीजेपी ने भी उठाए कई गंभीर सवाल? इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक व प्रवक्ता राम कदम ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मुबंई की लुटेरी उद्धव सरकार ने ऐसी कंपनी को गोरेगांव मुलुंड टनल बनाने का काम दिया है जिसका बिहार में बनाया हुआ ब्रिज गिर गया. सवाल उठता है कि वही कंपनी गोरेगांव मुलुंड टनल बना रही है तो वह कितना सुरक्षित है? बता दें कि इस ब्रिज को 1,717 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा था. रविवार (6 जून) ब्रिज के पिलर के कम से कम 30 स्लैब इसमें ढह गए. 2014 में इस पुल का काम शुरू हुआ था और इसके पूरे होने की डेडलाइन आठ बार बढ़ाई जा चुकी है. टेंडर शर्तों के मुताबिक, इस पुल का काम मार्च 2019 तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन तब तक 25% काम भी ठीक तरह से नहीं हुआ था. बाद में सरकार ने इसकी डेडलाइन को 2020 और फिर 2022 तक बढ़ा दिया. हालांकि, अब तक ये पुल पूरी तरह से बन नहीं सका है. पिछले साल 30 अप्रैल को तेज बारिश और हवा के कारण से इस पुल के दो पिलर गिर गए थे. उस समय भी इसके कंस्ट्रक्शन वर्क पर सवाल उठे थे, लेकिन इसे बनाने वाली कम्पनी के खिलाफ कोई एक्शन लेने की बजाय पुल का काम पूरा करने के लिए वक्त दे दिया गया. ये ब्रिज इसलिए जरूरी है, क्योंकि ये उत्तर और दक्षिण बिहार को आपस में जोड़ता है. Post Views: 211