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बीजेपी की बूस्टर डोज रैली में देवेंद्र फडणवीस बोले- जो लोग मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने से डरते हैं; वे कह रहे हैं कि उन्होंने बाबरी को गिरा दिया!

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों बयानबाजी का दौर जारी है। लाउडस्पीकर से शुरू हुआ विवाद हनुमान चालीसा पर पहुंचा और अभी भी लगातार नेताओं के बीच वाक् युद्ध जारी है।
इसी क्रम में रविवार को महाराष्ट्र के 62वें स्थापना दिवस के मौके पर मुंबई के सोमैया ग्राउंड में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने अयोध्या में 1992 में गिराए गए विवादित ढांचे का जिक्र करते हुए शिवसेना की भूमिका पर सवाल खड़े किए। फडणवीस ने शिवसेना को आड़े हाथ लिया और कहा कि जो लोग मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने से डरते हैं, वे कह रहे हैं कि उन्होंने बाबरी को गिरा दिया। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा हमसे पूछा जा रहा है कि जब बाबरी मस्जिद तोड़ी गई तो आप कहां थे? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई तब मैं वहां 18 दिन तक जेल में रहा, लेकिन अयोध्या में शिवसेना का कोई नेता नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि मैं इसे मस्जिद नहीं मानता, यह सिर्फ एक ढांचा था।
फडणवीस ने अपनी रैली की शुरुआत सियापति रामचंद्र की…पवनसुत हनुमान की जय के नारे के साथ की थी। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे पर सीएम उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। फडणवीस ने कहा कि आप महाराष्ट्र नहीं हैं, आप हिंदुत्व नहीं हैं। आपके लोगों के भ्रष्टाचार के कारण महाराष्ट्र की बदनामी हो रही है।
शिवसेना सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सरकार (शिवसेना) किसके लिए काम कर रही है, यह बड़ा सवाल है। उनके दो मंत्री जेल में हैं और वे सरकार के फैसलों पर बेशर्मी से जेल में बंद एक मंत्री की तस्वीर छापते हैं। इस दौरान उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यहां पहले ‘वर्क फ्रॉम होम’ था अब ‘वर्क फ्रॉम जेल’ चल रहा है।
इस दौरान उन्होंने राणा दंपति और हनुमान चालीसा का पाठ करने पर भी बोलते हुए कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के नाम पर राणा दंपति को जेल में बंद किया गया है। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। क्या हनुमान चालीसा का पाठ करना देशद्रोह हो सकता है?