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बीजेपी पर भड़की शिवसेना, बोली- ठंड में 50 किसानों ने दम तोड़ दिया लेकिन सरकार ‘मीटिंग-मीटिंग’ खेल रही!

नयी दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा सितंबर में लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ उसी महीने में राज्य स्तर पर विरोध शुरू हो गया था। बीते डेढ़ महीने से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी धरने पर बैठे हुए हैं।
इस मामले में मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर लगातार बनी हुई है। इसी बीच भाजपा की सहयोगी पार्टी रह चुकी शिवसेना ने भी अपने मुखपत्र सामना में इस पर जोरदार हमला बोला है।
शिवसेना ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार किसानों के साथ ‘मीटिंग-मीटिंग’ खेल रही है। लेकिन असल में उनके किसी भी मुद्दे को सुलझाना नहीं चाहती।
बता दें कि दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अब तक आंदोलन कर रहे 50 किसान प्रदर्शनकारियों ने दम तोड़ दिया है। लेकिन इसके बावजूद किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।
दरअसल, अब तक किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई सभी बैठकों में इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल पाया है। सरकार किसानों को लेकर राजनीति कर रही है। उन्हें इसका हल निकालने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
शिवसेना का कहना है कि जब तक भाजपा कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है। वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसान प्रदर्शनकारियों में भारी तादाद में बुजुर्ग लोग हैं। जिस पर शिवसेना ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और बारिश भी हो रही है। ऐसे में किसानों के टेंटों में पानी घुस गया है। उनके कपड़े और बिस्तर पूरी तरह से भीगे हुए हैं। लेकिन वह वापस जाने को तैयार नहीं है। भाजपा सरकार की नजर में किसानों के बलिदान का कोई मोल नहीं है। भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा है कि सरकार की अगर कोई आत्मा होती तो अब तक कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाता। किसानों की जिंदगी के साथ जो खिलवाड़ किया जा रहा है वह अब तक बंद हो जाता।