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मल्लिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बोले- पार्टी में कोई भी बड़ा या छोटा नहीं, हमें एकजुट होकर लड़ना होगा

नयी दिल्ली, (राजेश जायसवाल): कांग्रेस पार्टी को 24 साल बाद पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिला है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने तिरुवंतपुरम के सांसद शशि थरूर को 6825 वोटों से हरा दिया. खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को 1072 वोट ही मिल सके. 416 वोट रिजेक्ट कर दिए गए. कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के तुंरत बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी से मिलने के समय मांगा था. वो 10 जनपथ जाकर उनका शुक्रिया अदा करना चाहते थे, लेकिन उनको समय नहीं मिला. हालाँकि, सोनिया गांधी के दिमाग में कुछ और प्लान था. दरअसल, सोनिया गांधी चाहती थीं कि खुद खड़गे के घर जाकर माहौल को दूसरी शक्ल दें. खड़गे की जीत के बाद सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा उनके आवास 10 राजा जी मार्ग पहुंची, दोनों ने गर्मजोशी के साथ खड़गे से मुलाकात की और पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए शुभकामनाएं दीं. खड़गे 26 अक्टूबर को अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे.

दरअसल, मल्लिकार्जुन खड़गे परंपरा को कायम रखते हुए गांधी परिवार के पास खुद जाने के इच्छुक थे. लेकिन सोनिया गांधी ने लीक से हटकर कुछ करने का मन बनाया था. फिर पूरा फोकस 10 जनपथ की बजाए खड़गे के घर 10 राजाजी मार्ग पर हो गया. सोनिया गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा भी खड़गे के घर गई थीं. दोनों ने खड़गे को बुके देकर जीत की बधाई दी.
कांग्रेस की परंपरा के मुताबिक, पार्टी के नेता गांधी परिवार के घर जाकर मुलाकात करते रहे हैं. इससे पहले गांधी परिवार ने केवल एक बार इस परंपरा को तोड़ा था. उस वक्त सोनिया गांधी खुद मनमोहन सिंह के घर पहुंची थीं. उस दौरान कोयला घोटाले में पूर्व पीएम को समन किया गया था. सोनिया ने पार्टी दफ्तर से मनमोहन के घर तक एक मार्च निकाला था. कांग्रेस की मजबूती और एकजुटता का सबूत देने के लिए यह आयोजन किया गया था.

पार्टी में मेरा रोल अब खड़गे जी तय करेंगे: राहुल गांधी
इस बीच राहुल गांधी से जब पार्टी में उनके रोल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा- खड़गेजी से पूछिए. अब वही तय करेंगे. राहुल ने कहा, मैं नए अध्यक्ष को रिपोर्ट करूंगा. कांग्रेस के नए प्रमुख के पदभार संभालने पर कई सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, नए अध्यक्ष पार्टी में मेरी भूमिका तय करेंगे. राहुल गांधी ने कहा, इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी को संभालने जा रहे खड़गे जी का व्यापक अनुभव और वैचारिक प्रतिबद्धता पार्टी के बहुत काम आएगी. आगे राहुल ने कहा कि हर कोई कांग्रेस में चुनाव के बारे में सवाल पूछता है. मुझे गर्व है कि कांग्रेस ने खुले और पारदर्शी चुनाव कराए हैं. भाजपा और अन्य क्षेत्रीय दलों सहित अन्य पार्टियों के चुनाव में किसी की दिलचस्पी क्यों नहीं है?

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच टक्कर थी. शशि थरूर ने कहा, कांग्रेस का अध्यक्ष बनना बड़े सम्मान, बड़ी जिम्मेदारी की बात है. उनका यह भी कहना था कि सर्वाधिक संकटपूर्ण स्थितियों में पार्टी का संबल बने रहने और नेतृत्व प्रदान करने के लिए सभी, निवर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ऋणी हैं. थरूर ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष पद का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में अपना योगदान देने के लिए मैं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी का धन्यवाद करता हूं. साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी रहे शशि थरूर को बधाई दी. खड़गे ने कहा कि मैं अपने साथी शशि थरूर को बधाई देना चाहता हूं. मैं उनसे मिला और चर्चा की है कि पार्टी को कैसे आगे बढ़ाया जाए.

लोकतंत्र की मजबूती के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष: खड़गे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम सभी को पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरह काम करना है, पार्टी में कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता है. हमें साम्प्रदायिकता की आड़ में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करने वाली फासीवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा. उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आभार जताया है.
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा है कि वह लोकतंत्र की मजबूती के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष करेंगे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन पर जो भरोसा जताया है उस पर खरे उतरेंगे। खड़गे ने पार्टी अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद अपने अपने आवास पर बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश को एक तानाशाह की ‘सनक’ की भेंट नहीं चढाया जा सकता है, इसलिए सभी को मिलकर इन ताकतों के खिलाफ लड़ना पड़ेगा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का भरोसा देते हुए खड़गे ने कहा, आपने मुझ पर भरोसा जताया है और गरीब परिवार में जन्मे एक सामान्य कार्यकर्ता को कांगेस का अध्यक्ष बनाया है, मैं आपके भरोसे पर खरा उतरूंगा.

इस चुनाव में जीत के साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले 65वें नेता बन गए हैं. वे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं. बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे. आजादी के बाद 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही. वहीं, 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ता पर बैठे हुक्मरान बातें तो बहुत करते हैं पर काम कुछ नहीं करते. असलियत में उनके चरित्र को चार शब्दों में बताया जा सकता है- ‘खोखला चना बाजे घना’. देश में सबसे बड़ी समस्या कमरतोड महंगाई है, भयंकर बेरोजगारी है, अमीर गरीब के बीच की खाई है और सरकार के द्वारा देश में फैलाई जाने वाली नफरत है.
खड़गे ने कहा कि पिछले 75 साल के दौरान कांग्रेस ने संविधान की रक्षा करते हुए लगातार देश के लोकतंत्र को मजबूत किया है, लेकिन आज लोकतंत्र खतरे में है और संविधान पर हमला बोला जा रहा है, संस्थानों को तोड़ा जा रहा है, ऐसे में कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव करवा कर देश के लोकतंत्र को मजबूत करने का उदाहरण पेश किया है.

बता दें कि कांग्रेस पार्टी के 137 साल के इतिहास में अभी तक अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ 6 बार चुनाव हुए हैं. कांग्रेस में 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए थे और अब 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर कोई नेता कांग्रेस पार्टी की कमान संभालेगा.

जानें- कैसा रहा खड़गे का सियासी सफर
लगातार 9 बार विधायक चुने गये मल्लिकार्जुन खड़गे के सियासी सफर का ग्राफ उत्तरोत्तर चढ़ाव दिखाता है. उन्होंने अपना सियासी सफर गृह जिले गुलबर्ग (कलबुर्गी) में एक यूनियन नेता के रूप में किया.
साल 1969 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और गुलबर्ग शहरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने. चुनावी मैदान में खड़गे अजेय रहे और साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कर्नाटक खासकर हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में नरेंद्र मोदी लहर के बावजूद गुलबर्ग से 74 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की. उन्होंने साल 2009 में लोकसभा चुनाव के मैदान में कूदने से पहले गुरुमितकल विधानसभा क्षेत्र से 9 बार जीत दर्ज की. वह गुलबर्ग से दो बार लोकसभा सदस्य रहे.
हालांकि, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़गे को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता उमेश जाधव के हाथों गुलबर्ग में 95,452 मतों से हार का सामना करना पड़ा. अपने गृह राज्य कर्नाटक में ‘सोलिल्लादा सरदारा’ (कभी नहीं हारने वाला नेता) के रूप में मशहूर खड़गे के कई दशकों के सियासी सफर में यह उनकी पहली हार थी. गांधी परिवार के विश्वस्त माने जाने जाने वाले खड़गे ने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली, जिससे एक प्रशासक के तौर पर उनका अनुभव समृद्ध हुआ.
खड़गे ने कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने के अलावा साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) प्रमुख के रूप में काम किया.
लोकसभा में साल 2014 से 2019 तक खड़गे कांग्रेस के नेता रहे, हालांकि, वह लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता नहीं बन सके, क्योंकि कांग्रेस सांसदों की संख्या सदन की कुल संख्या की 10 प्रतिशत से कम थी. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार में खड़गे ने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में श्रम और रोजगार, रेलवे और सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग संभाला. उन्होंने राज्य में शासन करने वाली लगातार कांग्रेस सरकारों में विभिन्न विभागों का कार्यभार संभाला था.
सरल मिजाज और स्वभाव से सौम्य खड़गे कभी किसी बड़ी राजनीतिक समस्या या विवाद में नहीं फंसे. बीदर के वारावट्टी में एक गरीब परिवार में जन्मे खड़गे ने स्कूली पढ़ाई के अलावा स्नातक और वकालत की पढ़ाई कलबुर्गी में की. राजनीति में आने से पहले वह वकालत के पेशे में थे. वह बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और कलबुर्गी में बुद्ध विहार परिसर में निर्मित सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं.
उन्होंने 13 मई, 1968 को राधाबाई से विवाह रचाया और दोनों के दो पुत्रियां और तीन बेटे हैं. खड़गे बेटे प्रियांक खड़गे विधायक हैं और कर्नाटक में मंत्री रहे हैं. नरेंद्र मोदी नीत सरकार के मुखर आलोचक खड़गे के कांग्रेस का नेतृत्व करने से कार्यकर्ताओं को बढ़ावा मिलने और राज्य में पार्टी नेतृत्व को एकजुट करने की उम्मीद है, जहां अगले साल अप्रैल तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

पीएम मोदी ने खड़गे को दी बधाई!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई दी. इसके साथ ही पीएम मोदी ने खड़गे के सफल कार्यकाल की कामना भी की. नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया- ‘मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी नई जिम्मेदारी के लिए मेरी शुभकामनाएं’! उनका कार्यकाल सार्थक रहे.

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने दी बधाई!
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष चुने जाने पर मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई देते हुए कहा कि वह विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने के लिए उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं.
वरिष्ठ नेता शरद पवार ने ट्वीट किया- ‘मल्लिकार्जुन खड़गे को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई. मैं उन्हें एक सफल और प्रेरक कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देता हूं. विपक्ष को एकजुट और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हूं.’