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‘महामोर्चा’ में गरजे शरद पवार; बोले- अगली बार हम एक साथ बैठेंगे और विचार करेंगे कि सत्ताधारी को कैसे उखाड़ फेंका जाए

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को महाराष्ट्र की प्रतिष्ठित हस्तियों के खिलाफ हो रहे अपशब्दों के प्रयोग के विरोध में आयोजित महाविकास अघाड़ी (MVA) के ‘महामोर्चा’ में हिस्सा लिया. ये मार्च भायखला फ्लाईओवर के जे जे अस्पताल से शुरू हुआ और दक्षिण मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर खत्म हुआ.

इस ‘महामोर्चा’ को संबोधित करते हुए वरिष्ठ मराठा नेता शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र कभी भी छत्रपति शिवाजी के बारे में किसी भी गलत बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं करेगा. आज हम लाखों की संख्या में यहां इस संबंध में अपनी मजबूत भावनाओं को व्यक्त करने के लिए ही एकत्रित हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस महामोर्चा के जरिये आज जो चेतावनी दी गई है, यदि उससे सत्ताधारियों ने सबक नहीं लिया तो महाराष्ट्र चुप नहीं बैठेगा.

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि आज का मार्च एक अलग स्थिति दिखाता है. उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि 70 साल पहले मुंबई में केंद्रीय महाराष्ट्र के मुद्दे पर लाखों मार्च हुए थे. मराठी भाषी राज्य के लिए यह पहल सफल रही. कई युवा आगे आए और अंतत: ‘महाराष्ट्र संघ’ का गठन हुआ. लेकिन आज भी जो मराठी महाराष्ट्र से (बेलगाम, निवाली या अन्य क्षेत्र) बाहर हैं वे लगातार महाराष्ट्र आने की जिद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह भी चाहते हैं कि वे सभी लोग महाराष्ट्र में शामिल हों.

एनसीपी चीफ पवार ने कहा कि महाराष्ट्र से महात्मा जोतिबा फुले, राजर्षि शाहू महाराज, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, कर्मवीर भाऊराव पाटिल जैसे महापुरुषों का नाम जुड़ा हुआ है. आज के शासक इनका अपनाम करते हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के इतिहास में ऐसा राज्यपाल कभी नहीं देखा गया. पवार ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस मार्च से ये सत्ताधारी कुछ सबक लेंगे और अगर वे नहीं माने तो अगली बार हम एक साथ बैठेंगे और विचार करेंगे कि उन्हें कैसे उखाड़ फेंका जाए.

इस ‘महामोर्चा’ में शरद पवार, पृथ्वीराज चव्हाण, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, छगन भुजबल, जयंत पाटिल, अरविन्द सावंत, सुप्रिया सुले, संजय राउत, राजेश टोपे, आरिफ नसीम खान, चरणसिंह सप्रा, माणिकराव ठाकरे, भाई जगताप, सुनील तटकरे, अबू आसिम आजमी समेत कई दिग्गज नेताओं के आलावा विभिन्न राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों, श्रमिकों, युवाओं और महिलाओं, शिक्षकों ने भी इस जुलूस में भाग लिया.