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महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर पर कांग्रेस बोली- लोकतंत्र का चीरहरण कब तक चलेगा?

नयी दिल्ली: शनिवार को कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनी नयी सरकार को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार देते हुए दावा किया कि भाजपा और अजीत पवार ने ”दुर्योधन एवं शकुनि” की तरह जनादेश का ”चीरहरण किया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इस मामले में अदालत जाने सहित सभी विकल्प खुले हुए हैं। सुरजेवाला ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी निशाना साधा और दावा किया कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ”हिटमैन” की तरह काम किये है।
उन्होंने संवाददताओं से कहा, 23 नवंबर के दिन महाराष्ट्र और देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काले अध्याय के तौर पर दर्ज होगा, जब संविधान को पाँव तले रौंद दिया गया। अवसरवादी अजीत पवार को जेल की सलाखों का डर दिखाकर सत्ता की हवस में अंधी भाजपा ने लोकतंत्र की सुपारी ले हत्या कर डाली। कांग्रेस नेता ने दावा किया, भाजपा व अजित पवार ने दुर्योधन व शकुनि की तरह महाराष्ट्र के जनादेश का चीरहरण कर दिया। ये महाराष्ट्र की जनता से विश्वासघात है। फड़णवीस जी का वादा तो 72,000 करोड़ रुपये के घोटाले में अजीत पवार को आर्थर रोड जेल भेजने का था, मगर उपमुख्यमंत्री बना मंत्रालय भेज दिया!
उन्होंने आरोप लगाया, महाराष्ट्र के राज्यपाल ने संविधान के रक्षक का नहीं, अमित शाह के ‘हिटमैन’ का काम किया है और विधायकों की निष्ठा की मंडी में बोली लगाना भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बन गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, कर्नाटक, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, गोवा, हरियाणा और अब बाबासाहेब के प्रदेश महाराष्ट्र में जनादेश का अपमान कर संविधान को रौंदने के काम को अंजाम देने वाला और कोई नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हैं। सुरजेवाला ने सवाल किया- सरकार बनाने का दावा कब और किसने किया? कितने विधायकों के हस्ताक्षर थे ? राज्यपाल ने हस्ताक्षर कब सत्यापित किया? राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा कब की? कैबिनेट की बैठक कब हुई और इसमें कौन कौन शामिल थे? राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा कितने बजे की गयी ? राष्ट्रपति ने अनुशंसा कितने बजे स्वीकार की?

उन्होंने यह भी पूछा- राज्यपाल ने किस पत्र के जरिए एवं कितने बजे शपथ के लिए बुलाया? मीडिया, अधिकारियों और प्रबुद्ध लोगों को शपथ ग्रहण समारोह के लिए क्यों नहीं बुलाया गया? लोकतंत्र का चीरहरण कब तक जारी रहेगा? उन्होंने फडणवीस के भाषण का एक वीडियो पेश करते हुए कहा, चुनाव से पहले जिसे आर्थर रोड जेल भेजने की बात की उसे मंत्रालय में बतौर उप मुख्यमंत्री पहुंच दिया। यह मोदी राज में संभव है। मोदी है तो मुमकिन है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, सभी विकल्प खुले हुए हैं। उनमें कानूनी और संवैधानिक विकल्प शामिल हैं। हम विचार विमर्श कर रहे हैं और आगे जरूरी कदम उठाएंगे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ दिला दी। और राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया।