दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य महाराष्ट्र में १०० करोड़ के बाद अब गरमाया पुलिस ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट, गृह सचिव से मिलकर फडणवीस ने सौंपे सबूत, की CBI जांच की मांग 23rd March 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this नयी दिल्ली/मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में चल रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। आज उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृहसचिव से मिलकर उन्हें सीलबंद लिफाफे में इस रैकेट से संबंधित कॉल रिकार्ड्स एवं दस्तावेज सौंपे। महाविकास आघाड़ी सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट से संबंधित यह मामला मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका से सामने आया है। इस याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में बुधवार को सुनवाई होनी है।उससे पहले महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने आज मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी सरकार में चल रहा एक ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट, महाराष्ट्र की तत्कालीन इंटेलीजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने पकड़ा। पकड़ने से पहले उन्होंने पुलिस महानिदेशक एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) की अनुमति ली। जिसके बाद सभी संदिग्ध टेलीफोन नंबरों की टैपिंग की गई। इस फोन टैपिंग में कई गोपनीय चीजें बाहर आने लगीं। रश्मि शुक्ला ने 20 अगस्त 2020 को महाराष्ट्र के डीजीपी को गुप्त जानकारी भेजी थी, इनमें कई पुलिस अधिकारी एवं महाराष्ट्र के बड़े सत्ताधारी राजनेता के आलावा बिचौलिए (एजेंट) शामिल थे! यह जांच पूरी करने के बाद इंटेलीजेंस कमिश्नर ने 25 अगस्त, 2020 को अपनी रिपोर्ट डीजी को दी। डीजी ने 26 अगस्त को वह रिपोर्ट तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सीताराम कुंटे को दी। डीजी ने यह रिपोर्ट एसीएस होम को देते हुए पत्र लिखा कि इसकी गोपनीयता बरकरार रखते हुए यह बात मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाई जानी चाहिए, और इसकी जांच सीआईडी से करवाई जानी चाहिए।पूर्व सीएम फडणवीस के अनुसार, इसके बाद 6.3 जीबी डाटा वाले काल रिकार्ड के साथ सारे दस्तावेज मुख्यमंत्री को भी दिए गए। मुख्यमंत्री ने इस पर चिंता भी जाहिर की। लेकिन आश्चर्य की बात यह कि मुख्यमंत्री के यहां से वह रिपोर्ट गृहमंत्री को भेज दी गई। फिर तो इस पर कार्रवाई होना दूर, उलटे कार्रवाई हो गई इंटेलीजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला पर। उनका डीजी का प्रमोशन रोक दिया गया। उनके कनिष्ठ व्यक्ति को डीजी बनाकर बैठा दिया गया। चूंकि उनका रिकार्ड साफ-सुथरा था, उन्हें प्रोन्नत करना ही था, इसलिए उन्हें सिविल डिफेंस जैसे उस विभाग का डीजी बना दिया गया, जो विभाग अस्तित्व में ही नहीं था। यानी उन्हें यह अहसास कराया गया कि आपने काल रिकार्ड करके जो रिपोर्ट तैयार की, वह आपकी गलती थी। उसके बाद से अब तक नौ महीनों में इस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी होते हुए भी उन्होंने अपनी सरकार बचाने के लिए इसे नजरंदाज किया। क्योंकि इस रिपोर्ट में गृहमंत्रालय से जुड़े नेताओं और उच्च अधिकारियों के नाम थे। नेता प्रतिपक्ष फडणवीस के अनुसार, चूंकि इस रिपोर्ट में कई आईपीएस अधिकारियों के भी काल रिकार्ड्स हैं। जिनका कस्टोडियन केंद्र सरकार का गृह विभाग होता है, इसलिए हमने केंद्रीय गृह सचिव को यह सारी रिपोर्ट सौंपकर उनसे इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। फडणवीस ने कहा कि यह बात बाहर आनी चाहिए कि उद्धव सरकार ने किसे बचाने के लिए डीजी की सिफारिश के बावजूद इस रिपोर्ट की सीआईडी जांच नहीं होने दी। गृह सचिव से मुलाकात के बाद भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा मैंने सीलबंद लिफाफे में केंद्रीय गृह सचिव को सभी साक्ष्य दिए। मैंने सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे और सरकार उचित कार्रवाई करेगी। Post Views: 158