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उद्धव समर्थक चार लोकसभा सांसदों की बढ़ सकती है मुश्किलें; सीएम शिंदे ने दिए कार्रवाई के निर्देश

मुंबई: विधायकों की अयोग्यता को लेकर शिवसेना के दोनों गुटों के बीच चल रही लड़ाई के बीच, शिवसेना के लोकसभा समूह के नेता और सांसद राहुल शेवाले ने बुधवार (27 सितंबर) को उनके द्वारा जारी व्हिप की अवहेलना करने की वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना (यूबीटी) के चार सांसदों को नोटिस जारी किया है. नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पर लोकसभा में मतदान के दौरान अनुपस्थित रहने पर उन्होंने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.

सांसद शेवाले ने कहा कि वह यूबीटी समूह का समर्थन करने वाले चार सांसदों- विनायक राउत, राजन विचारे, ओमराजे निंबालकर और संजय जाधव के निलंबन पर कानूनी सलाह भी ले रहे हैं और वह लोकसभा अध्यक्ष को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे. शेवाले ने आरोप लगाया कि कानूनी तौर पर पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास है और सभी सांसद शिवसेना के हैं. उन्होंने कहा कि सेना ने व्हिप जारी किया था, लेकिन चारों सांसदों ने इसका उल्लंघन किया.

राहुल शेवाले का आरोप है कानूनन पार्टी का नाम, चिह्न, एकनाथ शिंदे के साथ है और सभी सांसद शिवसेना के है और वो लोकसभा में उन सांसदों के ग्रुप लीडर के तौर पर व्हिप जारी किये थे, लेकिन व्हिप का उल्लंघन किया गया और वोटिंग के दौरान विनायक राउत, राजन विचारे, संजय जाधव, ओमराजे निंबालकर अनुपस्थित थे.

इन चारों सांसदों पर होगी कार्रवाई
सांसद शेवाले ने कहा कि इसके अलावा हमने एक बैठक भी बुलाई थी. उस बैठक में भी लोकसभा के ये चार सांसद नहीं आए थे. सीएम शिंदे ने इन चारों सांसदों पर कार्रवाई करने के आदेश दिया है. अब हम इन चारों सांसदों पर कार्रवाई करने वाले है. शेवाले ने कहा कि कानूनी तरीक़े से इसके दस्तावेज लीगल टीम रेडी कर रही है जो लोकसभा स्पीकर को भी दिया जाएगा.

विशेष सत्र में उपस्थित रहने का था निर्देश
उन्होंने कहा कि शिवसेना पार्टी द्वारा जारी व्हिप की पूरी तरह से अवहेलना करने और महान राष्ट्रीय हित से संबंधित मामलों में भाग लेने में आपकी निष्क्रियता के लिए नीचे हस्ताक्षरकर्ता आपको वर्तमान पत्र जारी करने के लिए बाध्य है. 14 सितंबर 2023 को अधोहस्ताक्षरी ने व्हिप जारी कर लोकसभा में सभी शिवसेना सदस्यों को भारत सरकार द्वारा पहले सप्ताह में बुलाए गए. 18 सितंबर 2023 से 22 सितंबर 2023 तक शुरू होने वाले विशेष सत्र के पांच दिनों के दौरान सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था.

महिला आरक्षण विधेयक के दौरान थे अनुपस्थिति
हालांकि, जब नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 यानी महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश किया गया था, तो वे संसद से अनुपस्थित थे. विशेष सत्र के दौरान संसद से अनुपस्थिति राष्ट्रीय हित से संबंधित मामलों में आपकी गंभीरता को दर्शाती है. शेवाले द्वारा चार सांसदों को जारी पत्र में आगे कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन करने में निष्क्रियता पूरी तरह से सिद्धांतों के खिलाफ है.