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‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार: गर्मी से मरने वाले लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई, डॉक्टर्स ने किया बड़ा खुलासा?

मुंबई: 16 अप्रैल को खारघर हीटस्ट्रोक त्रासदी के पीड़ितों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, एक डॉक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उन्होंने कुछ भी नहीं खाया था और कम से कम 7 घंटे तक बहुत कम या पानी नहीं पीया था.
गौरतलब है कि खारघर के अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट पार्क में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अप्पासाहेब धर्माधिकारी के लिए एक पुरस्कार समारोह में घंटों धूप में खुले मैदान में रहने के बाद हीट स्ट्रोक के कारण कुल 14 लोगों की मौत हो गई.

12 पीड़ितों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा
12 पीड़ितों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उनके पेट खाली थे, जबकि दो के यह स्पष्ट नहीं था कि उन्होंने भोजन या पानी लिया था या नहीं. सुबह 10.30 बजे से दोपहर 1.15 बजे के बीच आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यभर से लाखों लोगों ने (अप्पासाहेब धर्माधिकारी के अनुयायियों) ने भाग लिया था, जिनमें से 650 ने कार्यक्रम स्थल के मेडिकल बूथों पर हीटस्ट्रोक के कारण जटिलताओं के बारे में बताया. उनमें से कम से कम 60 को पास के अस्पतालों में ले जाया गया क्योंकि उनकी हालत गंभीर बताई गई थी और उनमें से 14 की बाद में मौत हो गई थी. करीब 50 लोग आईसीयू में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है.

कई लोगों का अस्पताल में चल रहा इलाज
मिली जानकारी के मुताबिक, 10 लोगों का अभी भी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जबकि 36 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. 14 शवों में से 12 को पनवेल के उप-जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां सोमवार तड़के पोस्टमॉर्टम किया गया. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी एक खबर के अनुसार, सभी मृतक खाली पेट थे, जैसे कि उन्होंने अपनी मृत्यु से 6-7 घंटे पहले कुछ भी नहीं खाया हो.

डॉक्टर ने क्या कहा?
धूप और गर्मी के अत्यधिक संपर्क में रहने के कारण उनके शरीर में पानी के कोई निशान नहीं दिखे. उनमें से कुछ को कॉमरेडिटी थी. उन्होंने घंटों से कुछ भी नहीं खाया था, पर्याप्त तरल का सेवन नहीं किया था, और 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर सीधे धूप के संपर्क में थे.
डॉक्टर ने कहा कि मृतकों में से एक को दिल की बीमारी भी थी. इसी तरह, मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले लोगों की स्थिति भी ऐसी परिस्थितियों में तेजी से बिगड़ती है. डॉक्टर ने कहा कि कॉमरेडिटी (एक से अधिक बीमारी वाले मरीज) वाले व्यक्ति को थोड़े-थोड़े अंतराल पर कुछ खाना चाहिए और लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने पर तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए.

खारघर हादसे के बाद नागरिकों के लिए जारी की गई एडवाइजरी
हीटवेव को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील ही है, इसको लेकर सरकार की ओर से एक एडवाइजरी भी जारी की गई है. खारघर हादसे के बाद सरकार ने यह एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सरकार ने दोपहर के समय खुले में कोई कार्यक्रम न करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि 16 अप्रैल को नवी मुंबई के खारघर में हुए ‘महाराष्ट्र भूषण समारोह’ में शामिल हुए लोगों में से 14 लोगों की लू लगने के कारण मौत हो गई थी, जबकि कई लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं.

उद्धव ठाकरे बोले- …तो इंतजा़म भी उस स्तर के होने चाहिए थे
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार वितरण कार्यक्रम शामिल हुए लोगों में से ‘लू’ लगने की वजह से अब तक हुई 14 लोगों की मौत और कई लोगों के गंभीर रूप से बीमार हो जाने को लेकर विपक्ष लगातार शिंदे सरकार पर सवाल उठा रहा है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस कार्यक्रम के आयोजकों पर केस दर्ज करने की मांग की है.
उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को खुद इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि महाराष्ट्र भूषण समारोह का आयोजन पहली बार हुआ हो इससे पहले भी कई बार इस समारोह का आयोजन किया जा चुका है अगर उनको इतने बड़े स्तर का आयोजन करना था तो इंतजा़म भी उस स्तर के होने चाहिए थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अलावा सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, सुधीर मुनगंटीवार समेत कई मंत्री भी उपस्थित थे

सरकार ने जांच के लिए कमेटी गठित की
वहीं, राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता और सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को प्रतिष्ठित ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार दिए जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट पार्क में 16 अप्रैल को लाखों लोग इकट्ठा हुए थे.

मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के एक बयान में कहा गया है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) नितिन कीर समिति के एकमात्र सदस्य हैं, कीर घटना के तथ्यों पर गौर करेंगे और भविष्य में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन के समय उठाए जाने वाले सुरक्षा उपायों की सिफारिश करेंगे. सीएमओ के मुताबिक, समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.