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महाराष्ट्र में गरजे अमित शाह, बोले- नहीं किया था मुख्यमंत्री पद का वादा, शिवसेना का जवाबी हमला- अब तक चुप क्यों थे?

मुंबई: रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र की महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार को ‘तीन-पहिया वाली ऑटो-रिक्शा’ करार दिया और उस पर सभी मोर्चों पर नाकाम रहने का आरोप लगाया.
उन्होंने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में एक मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन बाद कहा कि इस ऑटो-रिक्शा के सभी पहिए अलग-अलग दिशाओं में भाग रहे हैं. यह लोगों के जनादेश को धोखा देकर बनाया गया एक अपवित्र गठबंधन है, जबकि जनादेश देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना (गठबंधन) सरकार के लिए था. उन्होंने आरोप लगाया कि यह गठबंधन (एमवीए) सत्ता के लोभ में बनाया गया.
गृहमंत्री शाह ने यह दावा किया कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना द्वारा मुख्यमंत्री का पद साझा किए जाने को लेकर कोई वादा नहीं किया गया था.
गौरतलब है कि 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना ने अपनी लंबे समय की सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया था. उद्धव ठाकरे ने तब दावा किया था कि शाह ने उनसे इसका वादा किया था.
हालांकि, अमित शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना से कोई वादा नहीं किया गया था. गृहमंत्री ने कहा, मैं बंद कमरों में वादे नहीं करता. मैं जो भी करता हूं, खुले तौर पर करता हूं…मैं बंद कमरों में राजनीति नहीं करता. शाह ने कहा कि उनकी पार्टी अपने वादों का सम्मान करती है.
उन्होंने कहा, हम सफेद झूठ नहीं बोलते. हम वचन का सम्मान करने वाले लोग हैं. बिहार में हमने कहा था कि अगर राजग को अधिक सीटें मिलती हैं, फिर भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे.
उन्होंने कहा, भाजपा को जद (यू) से अधिक सीटें मिलीं और नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए, लेकिन हमने कहा कि भाजपा ने पहले ही यह कह दिया है कि वह (नीतीश कुमार) ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
सीएम ठाकरे पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना अध्यक्ष ने उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रैलियां कीं. शाह ने कहा, हमने फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना गठबंधन के लिए वोट मांगा. आपने उस समय यह क्यों नहीं बोला? आपने मोदीजी के नाम पर वोट क्यों लिया?
उन्होंने कहा, सत्ता के लोभ में बालासाहेब के सभी आदर्शों को तापी नदी में फेंक दिया गया. शाह ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दो साल में राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा.

शिवसेना ने शाह के डेढ़ साल चुप रहने पर उठाए सवाल?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद भाजपा का साथ छोड़ एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने वाली शिवसेना ने अमित शाह के बयान पर जवाबी हमला किया है और आश्चर्य जताया कि राज्य की राजनीति में इस मुद्दे पर लंबी बहस हो जाने के डेढ़ साल बाद शाह को इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ा?.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा कि सच्चाई यह है कि शाह ने (ठाकरे के साथ) मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा नहीं करने का दावा करने में डेढ़ साल लगा दिया जो संदेह पैदा करता है.
उन्होंने कहा, उद्धव ठाकरे ने इस (वादे) के बारे में राज्य विधानसभा सहित कई मौकों पर बोला लेकिन शाह चुप रहे. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद अमित शाह सरकार बनाने पर बातचीत के लिए हरियाणा गए लेकिन महाराष्ट्र की राजनीतिक गतिविधि पर चुप रहे. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार को किए गए वादों का सम्मान करने के लिए जाना जाता है.