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महाराष्ट्र में सियासी ड्रामे के बीच संजय राउत का शायराना अंदाज, ट्वीट कर कहा- हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है…

मुंबई, (राजेश जायसवाल): दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो मामले की आंच की लपेटे में महाराष्ट्र सरकार भी आ गई है। इस मामले को लेकर हटाए गए पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली करने का टारगेट रखने का गंभीर आरोप लगाया है।
इसके बाद उद्धव सरकार में हलचल मच गई है। अनिल देशमुख की कुर्सी खतरे में आ गई है। इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार सुबह इस मामले को लेकर शायराना अंदाज में ट्वीट कर कहा कि हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है। हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं।
एंटीलिया मामले को लेकर मचे हंगामे के बीच वरिष्ठ शिवसेना नेता संजय राउत ने बड़े ही शायराना अंदाज में ट्वीट किया है। संजय राउत ने गीतकार जावेद अख्तर की एक शायरी को ट्वीट करते हुए लिखा- ‘शुभ प्रभात’, हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं।

गौरतलब है कि देश के शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास ‘एंटीलिया’ के बाहर जिलेटिन की छड़ों से लदी एक कार बरामद होने के बाद क्राइम ब्रांच की शाखा के पूर्व प्रमुख (एपीआई) सचिन वाजे की गिरफ्तारी से महाराष्ट्र की सियासत में नया मोड़ आ गया है।

मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में 100 करोड़ रुपये की वसूली का टार्गेट तय करने के मामले में पूरी तरह से एनसीपी को ही निशाना बनाया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि अनिल देशमुख के इस भ्रष्टाचार के संबंध में शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को भी अवगत कराया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। परमबीर सिंह के विस्फोटक पत्र के बाद राजनीतिक विश्लेषकों को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का राजनीतिक करियर ख़तरे में लगने लगा है।

चिट्ठी में क्या-क्या लिखा गया है?
पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था। चिट्ठी में परमबीर सिंह ने लिखा है- गृहमंत्री देशमुख ने सचिन वाझे को कई बार अपने बंगले पर बुलाया। फंड कलेक्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। मैंने इस मामले को डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार और एनसीपी चीफ शरद पवार को भी ब्रीफ किया।

बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़कर भाजपा के साथ वापस सरकार बना ली थी। इस बीच, संजय राउत के इस ट्वीट के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना एक बार पुन: पूर्व सहयोगी पार्टी भाजपा से हाथ मिला सकती है, ऐसे में कांग्रेस-एनसीपी अलग-थलग पड़ जाएंगे।

यहां बता दें कि 70 वर्षीय अनिल देशमुख महाराष्ट्र की राजनीति के ऐसे चुनिंदा नेताओं में से हैं जिन्होंने हर पार्टी की सरकार में अपनी जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है।
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनी पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के पाँच साल के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो अनिल देशमुख 1995 के बाद से लगातार मंत्री रहे हैं।
अनिल देशमुख महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से आते हैं। वो नागपुर ज़िले के कटोल के पास वाडविहिरा गाँव के हैं। उन्होंने साल 1995 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर विधायकी का चुनाव लड़ा और जीता। तब उन्होंने शिवसेना-बीजेपी सरकार का समर्थन किया और बदले में मंत्रीपद लिया। बाद में अपना रास्ता अलग कर वो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ हो लिए।

तो इस वजह से उद्धव सरकार में अनिल देशमुख गृहमंत्री बने
दरअसल, अनिल बाबू राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार के क़रीबी माने जाते हैं। अनिल देशमुख के बारे में कहा जाता है कि वे एनसीपी के एक ऐसे नेता हैं जो शरद पवार से बिना पूछे कोई भी निर्णय नही लेते हैं। इसी के चलते गृह मंत्रालय पर शरद पवार का वर्चस्व बना रहा।
जब कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ महागठबंधन कर उद्धव ठाकरे ने सरकार बनाई तो कई मंत्री पद पश्चिम महाराष्ट्र के नेताओं के हिस्से चले गए। अनिल देशमुख विदर्भ से आते है। विश्लेषक मानते हैं कि इस इलाक़े में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विस्तार के मक़सद से ही उन्हें गृहमंत्री का पद दिलवाया गया।

अनिल देशमुख ने गृहमंत्री पद संभालने के बाद दस डीसीपी रैंक के अफसरों का तबादला कर दिया था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ये तबादले करने से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कोई राय-मशविरा नहीं किया। उद्धव ठाकरे ने इसी वजह से ये तबादले रोक भी दिए थे। इस घटनाक्रम के बाद से ही अनिल देशमुख महाराष्ट्र के मीडिया में सुर्ख़ियों में बने रहे हैं।

स्कूली शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, आबकारी विभाग और गृह मंत्रालय सँभालने वाले अनिल देशमुख के कई निर्णयों की चर्चा भी हुई। सिनेमाघरों में राष्ट्रगीत के प्रसारण का फ़ैसला उन्होंने ही लिया था। उन्होंने महाराष्ट्र में गुटखा खाने पर पाबंदी भी लगाई थी। जब वो पीडब्ल्यूडी मंत्री थे तब बांद्रा-वरली सीलिंक बनकर पूरा हुआ था।
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के क़रीब मिली विस्फोटकों से भरी कार की जांच के विवाद और मनसुख हिरेन की हत्या की बात कबूलने के चलते अब गृहमंत्री अनिल देशमुख भी फंस गए हैं। वहीँ महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लगातार आक्रामक होने से उद्धव ठाकरे की सरकार निशाने पर आ गई है। जिसे लेकर महाराष्ट्र में एक बार फिर से राजनीतिक हलचल बढ़ती दिख रही है। परन्तु ये कहना अभी मुश्किल होगा कि इसका विकल्प तख्ता पलट ही होगा।चूकि मामला राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार की पार्टी से जुड़ा है। चर्चा है कि पवार जल्द ही इसका विकल्प ढूढ़ निकालेंगे।

बात निकली है तो दूर तलक जाएगी…
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने ट्वीट कर ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- ‘बात निकली है तो दूर तलक जाएगी बादशाह को बचाने में कितनों की जान जाएगी’। परमबीर सिंह का पत्र सामने आने के बाद विपक्ष की ओर से सरकार और गृह मंत्रालय को लगातार निशाने पर लिया जा रहा है।

चोर-चोर मौसेर भाई…
इसके बाद अमृता फडणवीस ने देवेंद्र फडणवीस का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा- ‘पचास इधर देंगे, पचास उधर देंगे, फिर धूर्त राजा कुछ क्यों बोलेगा, आवाम को चूना लगा के खुद ऐश करेगा, कोई कुछ बोला तो मनसुख जैसे मरेंगे, चोर-चोर मौसेरे भाई! मिल बाँट के नोट महा वसूली अघाड़ी ने खाई!

नारायण राणे बोले- पहले सीएम इस्तीफा दें
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम व सांसद नारायण राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बाद भी सीएम ने कार्रवाई नहीं की। मीडिया के सामने आकर बात नहीं की।
सचिन वाजे को सभी महत्वपूर्ण मामले दिए जाएं ये आदेश मुख्यमंत्री ने दिए थे। पिछले कई महीनों से सचिन वाजे कभी वर्षा बंगले पर और कभी ओबेरॉय में रह रहा था। मुख्यमंत्री को सचिन वाजे साधु संत लग रहे थे। मुख्यमंत्री के लिए सचिन वाजे काम कर रहे थे। देश के बड़े उद्योगपति की जान जोखिम में किसके इशारे पर थी? नारायण राणे ने कहा गृहमंत्री का इस्तीफा बाद में पहले मुख्यमंत्री इस्तीफा दें।

शरद पवार से मिलेंगे डिप्टी सीएम अजित पवार संजय राऊत
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार और जयंत पाटिल आज दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगे।
वहीँ सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना नेता संजय राऊत को दिल्ली जाकर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मिलने का आदेश दिया है, दोपहर बाद संजय राउत भी दिल्ली पहुंचेंगे।

आज दोपहर बाद दिल्ली में होगी मुलाक़ात
एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपने परिवार सहित आगरा में हैं। वह आगरा के होटल अमर विलास पैलेस में ठहरे हैं। उनके साथ उनकी पुत्री सुप्रिया सुले, दामाद सदानंद बालचंद सुले, बेटा विजय और बेटी रेवती भी साथ आई हैं। कल शरद पवार को छोड़कर पूरे परिवार ने ताजमहल का भ्रमण किया था।