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महाराष्ट्र में 10,226 करोड़ के घाटे का बजट पेश: प्रॉपर्टी खरीदने पर महिलाओं को 1% की छूट; शराब पर टैक्स बढ़ा; पेट्रोल-डीजल पर कोई राहत नहीं

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार का 10,226 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे वाला बजट सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश किया। दोपहर 2 बजे वित्तमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में व वित्त राज्यमंत्री शंभूराज देसाई ने विधान परिषद में वर्ष 2022-22 का बजट पेश किया।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पेश इस बजट में महिलाओं को बड़ी सौगात देते हुए अब उनके परप्रॉपर्टी खरीदने पर स्टैंप ड्यूटी में 1% छूट की घोषणा की गई है। हालांकि, इससे सरकारी तिजोरी पर 1,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा।
खास यह है कि सरकार ने शराब के टैक्स पर बढ़ोतरी कर दी है, लेकिन पेट्रोल और डीजल पर लगे स्टेट टैक्स को घटाने का कोई ऐलान नहीं किया है।

बजट की कुछ मुख्य बातें…
* जनता को उत्तम श्रेणी की स्वास्थ्य सेवा देने के लिए 7,500 करोड़ की योजना। चार वर्ष में इन योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य।
* महाराष्ट्र सरकार ने शून्य दर पर किसानों को कर्ज देने की बजट में घोषणा की। वित्तमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में कहा कि 3 लाख रुपये तक का कर्ज जिन किसानों ने लिया था। और जिन्होंने समय से कर्ज लौटाया था। ऐसे किसानों को खरीप सीजन 2021 से शून्य दर से कर्ज दिया जाएगा।
* सिंधुदुर्ग, धाराशिव-उस्मानाबाद, नासिक, रायगढ़ और सातारा में नए सरकारी महाविद्यालय बनेंगे। अमरावती और परभणी में भी स्थापना होगी।
* APMC को मजबूत बनाने के लिए 2 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। कृषी पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए महावितरण को 1500 करोड़ रुपये निधि दी जाएगी।
* जो उगेगा वह बिकेगा (विकेल ते पिकेल) योजना के किए 2100 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
* वित्त मंत्री ने कहा- राज्य में विभिन्न उद्योगों के साथ 1.12 लाख करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश आएगा और इसके माध्यम से 3 लाख नई नौकरियों की उम्मीद है।
* महाज्योति, सारथी, बार्टी योजना को 150-150 करोड़ रुपये का प्रावधान।
* MPSC को मजबूत करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा।
* सरकार की तरफ से राज्य में चार नए कृषि यूनिवर्सिटी खोलने का भी ऐलान किया गया है। यूनिवर्सिटी के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है।
* साथ ही बाल ठाकरे मेमोरियल के लिए सरकार की तरफ से 400 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
* अल्पसंख्यक समाज के लिये 589 करोड़ दिया जाएगा।
* सांगली के अजमल खाजा परिसर को बनाने के लिए निधि दी जाएगी।
* मौलाना आज़ाद महामंडल के लिए 200 करोड़ का प्रावधान।
* उस्मानाबाद, सिंधुदुर्ग, अमरावती, परभणी में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। एमबीबीएस के लिए 1990 और एमडी और एमएस के लिए 1000 सीटें बढ़ाई जाएंगी।
* महानगरपालिका क्षेत्रों में 5 सालों में 5 हजार करोड़ का खर्च किया गया। इस बार 800 करोड़ का फंड दिया जाएगा। संक्रमण वाली बीमारियों के लिए हर जिले में अस्पताल बनाए जाएंगे। 8 नए हार्ट हॉस्पिटल खोले जाएंगे।
* महाराष्ट्र में जिला अस्पताल, प्राथमिक उपचार केंद्र खोले जाएंगे। महानगरपालिका, नगरपरिषद, नगरपंचायतों में आधारभूत स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार किया जाएगा।
* ग्रामीण इलाकों में छात्रों को मुफ्त में एसटी बस में यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
* हायर टेक्निकल एजुकेशन के लिए 1391 करोड़ मंजूर किया गया।
* शिक्षा और खेल विभाग के लिए 2461 करोड़ का प्रावधान।
* बालासाहेब ठाकरे स्मारक के लिए 400 करोड़ रुपए मंजूर।
* साइकलिंग के लिए स्वतंत्र रास्ते खोलने का काम शुरू है। खारे पानी को पीने योग्य बनाने का प्रयास शुरू है।
* एपीएमसी आधुनिकरण के लिए 2 हजार करोड़।
* कृषि विद्यालय के लिए 3 साल में 600 करोड़ दिए जाएंगे
* बर्ड फ्लू से बचने के लिए उच्च स्तर का लैब खोला जाएगा।
* मुंबई नागपुर एक्सप्रेस-वे में नागपुर से शिर्डी के बीच के 500 किलोमीटर लंबे सड़क को 1 मई से शुरू किया जाएगा।
* राज्य में स्वास्थ्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए 7500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया। 5 साल के अंतर्गत राज्य के स्वास्थ्य विभाग के ढांचे को सुधारा जाएगा।
* 2019 से अब तक 31 लाख 23 हज़ार किसानों का कर्ज माफ किया गया है।
* उस्मानाबाद, सिंधुदुर्ग, अमरावती, परभणी, नाशिक में मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे।
* हम कृषि कानून के खिलाफ 100 दिनों से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ हैं।
* हेल्थ सर्विसेज पर 7500 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

पिछले साल 9500 करोड़ राजस्व घाटे का बजट पेश किया गया था…
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की संयुक्त सरकार का यह दूसरा बजट होगा। पिछले साल, अजीत पवार ने 9,500 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश किया था। कोरोना का बढ़ता संकट, कर्ज का बोझ, सरकारी खजाने में कमी, करों को बढ़ाए बिना राजस्व घाटे को कम करना, ऐसे कई मुद्दे इस बार चुनौती के रूप में सरकार के सामने खड़े हैं।

विकास दर इस बार 8 प्रतिशत कम रहने का अनुमान
इसके पहले शुक्रवार को पेश राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कोरोना महामारी संकट से अर्थ व्यवस्था को हुए नुकसान की तस्वीर दिखाई दी थी। महाराष्ट्र की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में विकास दर में 8 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में कोरोना काल की विषम परिस्थिति से उबरने के प्रयास की झलक देखने को मिल सकती है। बजट गांव, गरीब, किसान, महिलाओं, युवाओं की तरफ झुका दिखाई दे सकता है। इसके अलावा पेट्रोल के बढ़ते दाम पर जनता को राहत देते हुए सरकार स्टेट टैक्स में कटौती कर सकती है।

मुख्यमंत्री उद्धव बोले- सभी को मिलेगी राहत
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट के कारण चुनौतीपूर्ण परिस्थिति के बीच सरकार ने बजट में सभी वर्गों को राहत दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व की आर्थिक स्थिति की गति धीमी है। केंद्र सरकार के पास प्रदेश का काफी बकाया है। इसके बावजूद सरकार ने बिना रोए धोए हर क्षेत्र के लिए प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान के क्षेत्र के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला दिवस पर हमने महिलाओं को केवल सूखी शुभकामनाएं नहीं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का मुंबई पर गुस्सा सामने आ गया है।

हम साधु-संत नहीं हैं: अजित पवार
आगामी मनपा चुनाव को देखते हुए बजट में मुंबई का खासा ध्यान रखने के विपक्ष के आरोप पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार भड़क गए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम साधु-संत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष जनता में सरकार के अपनत्व की भावना पैदा करना है। हम ऐसा कार्यक्रम देंगे तो जनता को पंसद आना चाहिए। जिससे आगामी नगर निकायों के चुनाव में जनता महाविकास आघाड़ी सरकार का विचार करे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने बजट में जो घोषणाएं की है वह क्या भाजपा की घोषणा है? हमें कुछ समझ नहीं आता क्या ? भाजपा ने ही हर चीज का ठेका ले रखा है क्या ? हम लोग इतने सालों से काम कर रहे हैं। विपक्ष को जो बोलना है बोलने दीजिए।

लीपापोती करने वाला बजटः देवेंद्र फडणवीस
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बजट से लोगों की अपेक्षाएं भंग हो गई है। बजट किसान, युवाओं, पिछड़े वर्ग सहित हर वर्ग के लिए निराशाजनक है। यह केवल लिपापोती करने वाला बजट है। फडणवीस ने कहा कि मेरे मन में सवाल आ रहा है कि यह राज्य का बजट है अथवा कुछ विशेष इलाकों का बजट है। यह राज्य सरकार का बजट है या फिर मुंबई मनपा का बजट है। उन्होंने कहा कि मुंबई मनपा के बजट की योजनाओं को भी बजट में घोषित कर दिया गया है। फडणवीस ने कहा कि बजट में मुंबई के आधारभूत ढांचा परियोजनाओं की जो घोषणाएं की गई है यह सभी परियोजनाएं भाजपा सरकार के शासनकाल में शुरू हो गई थी। फडणवीस ने कहा कि कई तीर्थक्षेत्र के विकास के लिए घोषणा की गई है। लेकिन बजट में निधि का प्रावधान नहीं किया गया है। सरकार ने बजट में पेट्रोल और डीजल के कर में एक भी रुपया कम नहीं किया है। इसलिए सत्ताधारी दलों को ईंधन के दर पर बोलने का अधिकार नहीं है। फडणवीस ने कहा कि महिलाओं के लिए कोई प्रभावी योजना घोषित नहीं की गई है। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस महिलाओं के साथ सरकार का धोखा बताया है।